अजमेर। राजस्थान में अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के चहुंओर फैले मुस्लिम संप्रदाय के परिवारों ने आज लॉकडाउन चार के नियमों की अनुपालना के साथ घरों में ही रमजान माह के आखिरी जुम्मे की नमाज अदा की।
इस जमातुलविदा के साथ ही अब मुस्लिम परिवार को चांद के दीदार का आने वाले कल इंतजार रहेगा। इसके लिए दरगाह कमेटी के अधीन हिलाल कमेटी की बैठक होगी जिसमें चांद दिखाई देने अथवा नहीं दिखाई देने की अधिकृत घोषणा की जाएगी।
यदि चांद कल शनिवार की रात दिखाई देता है तो मुस्लिम समुदाय अंग्रेजी तारीख 24 मई रविवार को ईदुलफितर मनाएगा और यदि चांद नहीं दिखाई देता है तो 25 मई को स्वभाविक रुप से ईद मनाई जाएगी।
खास बात यह है कि अजमेर दरगाह क्षेत्र कोरोना के चलते कंटेनमेंट क्षेत्र है इसलिए सभी मुस्लिम परिवार घरों पर ही ईद की खुशियां मनाएंगे।
दरगाह स्थित खादिमों की संस्था से प्राप्त जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बावजूद ईद वाले दिन परंपरागत तरीके से दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा खोला जाएगा। यह जन्नती दरवाजा ईद वाले दिन अलसुबह चार बजे से दोपहर ढाई बजे तक के लिए ही खुलेगा।
लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण अकीदतमंद जन्नती दरवाजे में प्रवेश नहीं कर सकेंगे क्योंकि वर्तमान में दरगाह में ही प्रवेश निषेध है। केवल पास धारी खादिम ही खिदमत का काम कर रहे हैं और वे ही जन्नती दरवाजे की धार्मिक रस्म को पूरा करेंगे।