अजमेर। राजस्थान में ख्वाजा की नगरी अजमेर में आज पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर मुस्लिम समाज ने ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला।
बारावफात के मौके पर उक्त पारंपरिक जुलूस जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर सूफी इंटरनेशनल संस्था की ओर से अंदरकोट स्थित ढाई दिन के झोपड़े से शुरू हुआ और ख्वाजा साहब की दरगाह के मुख्य निजामगेट पहुंचा तो खादिमों की संस्थाओं अंजुमन सैय्यद जादगान एवं औ अंजुमन सैयद शेखजादगान की ओर से जुलूस पर फूलों की बरसात की गई तथा जुलूस में शामिल प्रमुख लोगों का साफा बांधकर इस्तकबाल किया गया।
यहां से जुलूस दरगाह बाजार, धानमंडी, दिल्ली गेट, गंज, महावीर सर्किल होता हुआ सुभाष उद्यान के पास ऋषि घाटी बाईपास स्थित चिल्ला क्षेत्र पहुंचा जहां कार्यक्रम में सलाम पेश कर मुल्क में अमन चैन, खुशहाली, भाईचारे की दुआ की गई।
जुलूस में घोड़े, बग्गी, बैंड बाजों के अलावा साथ चल रही मिलाज पार्टियों ने कलाम पेश किया। अंदरकोट से चिल्ले तक ढाई किलोमीटर लंबे रास्ते पर मुस्लिम बिरादरी के स्त्री, पुरुष, बच्चे ही सड़कों पर नजर आए। रास्ते भर जुलूस का जगह जगह स्वागत किया गया।
बारावफात का यह जुलूस कौमी एकता की उस समय मिसाल नजर आया जब हिंदू समुदाय के अलावा विभिन्न धर्मों के लोग भी इसमें शामिल हुए। सभी ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद की शिक्षाओं में परस्पर प्रेम, भाईचारा व गरीबों की मदद का प्रमुखता से संदेश देते हुए दुनियाभर में शांति और मोहब्बत का संदेश दिया तथा परस्पर भाईचारे व एकता की बात कहकर सकारात्मक संदेश दिया।
जुलूस में पहली बार डीजे का प्रयोग नहीं किया गया। अलबत्ता सड़कों पर जगह जगह विशालकाय डीजे लगाकर खुशी का इजहार किया गया। जुलूस को संचालित करने के लिए 500 वॉलिंटियर्स को भी मुस्लिम समुदाय से नियुक्त किया गया।
बारावफात के जुलूस को देखते हुए अजमेर प्रशासन एवं पुलिस ने सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए और जुलूस को निर्विघ्न संपन्न होने के बाद सुकून महसूस किया। अजमेर जिले के अन्य कई स्थानों से भी बारावफात के जुलूस निकाले जाने के समाचार है। अजमेर शहर से जुड़े दौराई, गगवाना, हटूंडी, सोमलपुर, आदि स्थानों पर भी जुलूस आयोजित कर लंगर तकसीम किया गया।
अजमेर दरगाह शरीफ को बारावफात के मौके पर विशेष रोशनी से सजाया गया। आहता-ए-नूर में महफिल के साथ विशेष इबादत हुई और अब मुस्लिम बिरादरी में शुभ कार्यों का भी आगाज हो गया।