पटना। बिहार विधानसभा में आज विपक्ष के सदस्यों ने मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह यौन शोषण मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में कराने की मांग को लेकर हंगामा किया जिसके कारण मात्र दस मिनट के बाद ही सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भाई विरेंद्र ने मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह यौन शोषण मामले की उच्च न्यायाल्य की निगरानी में जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि इस मामले में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति का भी नाम आया है। इसलिए, मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए और उनके पति को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और वामदलों के सदस्यों के साथ वह भी मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह गये थे और तब वहां जो बातें सामने आईं वह बेहद शर्मनाक थी।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जब सरकार ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है तब अब सदन में यह बहस का विषय नहीं हो सकता है।
सभा अध्यक्ष चौधरी ने भी कहा कि सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है और उच्च न्यायालय से निगरानी कराना सरकार के हाथ में नहीं है। इस मामले पर आज उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है। न्यायालय का जो भी निर्देश होगा उससे सरकार पीछे हटने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि दोनों बातें एक साथ नहीं हो सकती कि मामले की जांच भी हो और जांच रिपोर्ट आने से पहले किसी पर कार्रवाई की जाए। जांच रिपोर्ट में जो भी आएगा सरकार उसके अनुरूप कार्रवाई करेगी।
इस पर राजद, कांग्रेस और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के सदस्य अपनी सीट से ही खड़े होकर एक साथ अपनी बात कहने की कोशिश करने लगे, जिसके कारण सदन हंगामे में डूब गया। सभा अध्यक्ष चौधरी ने सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया।
नीतीश ने जांच सीबीआई को सौंपने का दिया निर्देश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर अल्पावास गृह मामले की जांच आज केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपे जाने का निर्देश दिया। कुमार ने कहा कि बालिका गृह में बहुत ही घृणित घटना घटी है और पुलिस द्वारा मुस्तैदी से इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के प्रधान सचिव को तत्काल इस सम्पूर्ण मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है।