पटना। बिहार सरकार ने कहा कि मुजफ्फरपुर की स्वयंसेवी संस्था बालिका गृह ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ की बालिकाओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत दस लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने मंगलवार को समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद की उपस्थिति में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बालिका गृह में रहने वाली 44 लड़कियों में से 42 का चिकित्सीय जांच कराई गई, जिनमें से 29 लड़कियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच सही दिशा में चल रही है और इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है। द्विवेदी ने कहा कि जानकारी मिलते ही मुजफ्फरपुर के महिला थाने में इस वर्ष 31 मई को भारतीय दंड विधान की अलग-अलग धाराओं के तहत संचालक समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
मामला दर्ज होने के 48 घंटे के बाद बालिका गृह के संचालक सह मुख्य कार्यकारी ब्रजेश ठाकुर, किरण कुमार, मिनू देवी, मंजू देवी, इंदू कुमार, चंदा देवी, नेहा कुमारी, विकास कुमार, रवि कुमार रौशन और हेमा मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में सिर्फ अभियुक्त दिलीप कुमार वर्मा फरार है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि फरार अभियुक्त वर्मा के घर की कुर्की-जब्ती की जाएगी। उसकी गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि बालिका गृह से बच्चियों के लापता होने की जानकारी मिली थी जिसकी जांच की जा रही है।
वर्ष 2013 के नवम्बर -दिसम्बर के बीच चार लड़कियां बालिका गृह से फरार हुई थी। उन्होंने कहा कि उनमें से एक लड़की जिसके संबंध में कोई सूचना नहीं थी उसे पुलिस ने ढूढ़ निकाला है। उस लड़की की शादी हो चुकी और वह मुजफ्फर स्थित ससुराल में रह रही है।
द्विवेदी ने कहा कि 14 जून को बालिका गृह की लड़कियों का बयान लिया गया जिसमें उन्होंने बताया कि उनका यौन उत्पीड़न किया गया है। इसके बाद 19 जून को पीड़ित बच्चियों की चिकित्सीय जांच कराई गई।
उन्होंने कहा कि 28 जून को एक पीड़िता ने न्यायालय में तस्वीर देखकर दिलीप कुमार वर्मा और विकास कुमार की पहचान की, जिसके बाद विकास को गिरफ्तार कर लिया गया। फरार वर्मा के लिये जगह-जगह दबिश दी जा रही है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पीड़ित लड़कियों ने बताया था कि एक लड़की की हत्या कर उसके शव को पानी टंकी के पीछे दफन कर दिया गया है। इसकी जांच के लिए 23 जुलाई को लड़कियों द्वारा बताये गये चिन्हित स्थान पर खुदाई की गई लेकिन वहां कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि खुदाई के बाद मिट्टी के नमूने को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोशाला पटना भेजा गया है।
द्विवेदी ने कहा कि मुजफ्फरपुर के अलावा गया, मुंगेर, भागलपुर और मोतिहारी के बालिका गृह में भी गड़बड़ी किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जांच की जा रही है। इन चारों बालिका गृह में बच्चियों को रात में बंद रखने की शिकायत है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो इसके लिए बालिका गृह की पूरी व्यवस्था बदली जा रही है और सरकार के निर्देश पर बालिका गृहों में चौकीदार के रूप में ट्रांसजेंडर (किन्नर) को नियुक्त किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है।