नेपिडॉ। म्यांमार की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सु की और राष्ट्रपति विन मिंट तथा सत्तारूढ पार्टी के अन्य सदस्यों को सोमवार को हिरासत में लेने के बाद एक साल के लिए देश में आपातकाल स्थिति की घोषणा की।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रथम उपराष्ट्रपति यू मिंट स्वे द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र में सैन्य स्वामित्व वाली मायवाडी टीवी पर आपातकाल की घोषणा की गई हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अब म्यांमार के कार्यकारी राष्ट्रपति के रूप में कौन अपनी सेवाएं देंगे। घोषणा के मुताबिक सेना के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग हलिंग देश की सत्ता अपने हाथों में लेने जा रहे हैं।
अमेरिका म्यांमार में तख्तापलट से चिंतित, कार्रवाई की चेतावनी
अमरीका ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सु की और राष्ट्रपति विन मिंट को हिरासत में लेने के लिए जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा कि अमरीका म्यांमार की उन रिपोर्टों से चिंतित है जिसमें बर्मी (म्यांमार) सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सु की और राष्ट्रपति और अन्य नागरिक अधिकारियों को हिरासत में लेने और देश के लोकतंत्र में परिवर्तन लाने तथा उसे कमजोर करने के लिए ऐसा कदम उठाया है। राष्ट्रपति जो बिडेन को उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इसकी जानकारी दे दी है।
साकी ने कहा कि हम म्यांमार के लोकतंत्र के लिए पूरी तरह से समर्थन की पुष्टि करते हैं और अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ समन्वय कर सैन्य और अन्य सभी दलों से लोकतांत्रिक तरीके और कानून का पालन करते हुए हिरासत में लिए लोगों की तुरंत रिहा करने का आग्रह करते हैंं।
अमरीका ने हाल के चुनावों के परिणामों को बदलने या म्यांमार के लोकतांत्रिक परिवर्तन को बाधित करने के प्रयासों का विरोध किया है और कहा कि अगर वर्तमान में लिए गए निर्णय को नहीं बदला तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
उल्लेखनीय है कि म्यांमार की सेना ने आज सुबह सत्तारूढ पार्टी की आंग सान सु की, राष्ट्रपति विन मिंट के साथ साथ पार्टी के अन्य सदस्यों को छापेमारी कर हिरासत में ले लिया। गत माह जनवरी में म्यांमार के सेना ने आठ नवंबर के चुनाव के दौरान में मतदान में व्यापक रूप से धांधली होने पर तख्तापलट की आशंका जताई थी, यह चुनाव देश में वर्ष 2011 में सैन्य शासन के अंत के बाद दूसरा आम चुनाव हुआ था।