प्योंगयांग | उत्तर कोरिया ने गुरुवार को चेतावनी दी कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका की ओर से “खतरनाक और असामान्य सैन्य कदम” कोरियाई प्रायद्वीप में एक नया शीत युद्ध शुरू कर देगा।
सरकारी कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा कि दक्षिण कोरिया अमेरिका के साथ हाल ही में संपन्न संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद वाशिंगटन से “अत्याधुनिक घातक उपकरण” “एफ -35 ए” टोही लड़ाकू विमान खरीद रहा है। उन्होंने कहा,“ दक्षिण कोरिया का यह कदम “एक गंभीर उकसावे की कार्रवाई” है और यह कोरियाई प्रायद्वीप में दोनों पक्षों (दोनों कोरियाई देशों) के बीच संयुक्त घोषणाओं और सैन्य समझौते का खुले तौर पर उल्लंघन है।”
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका-दक्षिण कोरिया संयुक्त सैन्य अभ्यास और दक्षिण कोरिया में सशस्त्र बलों के निर्माण सहित शत्रुतापूर्ण सैन्य कदम, कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी और टिकाऊ शांति के लिए संवाद की गतिशीलता को कम कर रहे हैं और उत्तर कोरिया को भौतिक निरोध को मजबूत करने के लिए यथार्थवादी तरीका अपनाने को मजूबर करते हैं।”
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने 16 अगस्त को अपने पूर्वी तट से समुद्र में दो अज्ञात प्रोजेक्टाइलों का परीक्षण किया था। यह हाल के हफ्तों में छठे दौर की शुरूआत थी जिसके कुछ ही समय बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका-दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यासों की निंदा की और अंतर-कोरियाई वार्ता समाप्त हो गई।
प्रवक्ता ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका ने हाल ही में इंटरमीडिएट-रेंज क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है और जापान तथा कोरियाई प्रायद्वीप के अन्य इमें बड़ी संख्या में “एफ -35” टोही विमान तथा “एफ-16V” लड़ाकू विमान जैसे बड़ी मात्रा में आक्रामक सैन्य उपकरण तैनात करने की योजना बना रहा है। ऐसे में उत्तर कोरिया इस प्रकार क्षेत्रीय हथियारों की दौड़ और टकराव को रोकने तथा इस दिशा में सबसे बड़ी सतर्कता का आह्वान करता है।”
प्रवक्ता ने कहा कि उनका देश “बातचीत और वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की स्थिति का समर्थन करता है जिसमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं है।
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता को फिलहाल रोक दिया गया है। जबकि उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 30 जून को दोनों कोरियाई देशाें की सीमा पर स्थित गांव में हुई बैठक में बातचीत को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता जताई गई थी।