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‘मां गंगा के नाम संदेश’ गिनीज बुक में दर्ज - Sabguru News
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‘मां गंगा के नाम संदेश’ गिनीज बुक में दर्ज

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‘मां गंगा के नाम संदेश’ गिनीज बुक में दर्ज

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने अनूठी मुहिम के माध्यम से अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है। इस रिकॉर्ड के अंतर्गत फेसबुक पर 1 घंटे के भीतर ‘मां गंगा के नाम संदेश’ विषय पर सबसे ज़्यादा हस्तलिखित संदेश पोस्ट किए गए। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपना संदेश फेसबुक पर पोस्ट किया।

सोमवार को गंगा उत्सव के 5वां संस्करण के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि हमारी नदियों को फिर से जीवंत और संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रत्येक व्यक्ति को यह सोचना चाहिए कि वे नदियों के निर्माण में किस तरह से योगदान दे सकते हैं।

शेखावत ने ‘गंगा एटलस : रिवर ऑफ द पास्ट’ को लॉन्च किया। आईआईटी कानपुर के प्रो. राजीव सिन्हा द्वारा विकसित गंगा एटलस 5-6 दशकों में गंगा नदी में हुए परिवर्तन की संरचना प्रणाली, भूमि के उपयोग, कवर की गई भूमि, नदी की गतिशीलता और संबंधित मुद्दों के डॉक्यूमेंटेशन में सहायता देगा।

कार्यक्रम में ट्री क्रेज फाउंडेशन के सहयोग से एनएमसीजी द्वारा विकसित कंटीन्यूअस लर्निंग एंड एक्टिविटी पोर्टल (सीएलएपी) लॉन्च किया गया। सीएलएपी नमामि गंगे की एक पहल है, जिसे ट्री क्रेज फाउंडेशन की सीईओ भावना बडोला के नेतृत्व में बनाया गया है। यह एक संवादात्मक पोर्टल है, जो भारत में नदियों के आसपास क्रिया-कलापों और उनसे संबंधित संवादों को शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है।

गंगा उत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध लेखक और कवि अशोक चक्रधर ने गंगा और अन्य नदियों पर कविताएं सुनाईं। सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल ने अपनी मनमोहक आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्राची शाह पंड्या के कथक नृत्य प्रदर्शन को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। गंगा उत्सव के पहले दिन का अंत राहुल शर्मा के शास्त्रीय संतूर प्रदर्शन के साथ हुआ।

गंगा उत्सव के कार्यक्रम 3 नवंबर तक चलेंगे। इस दौरान स्टोरीटेलिंग, सांस्कृतिक प्रदर्शन और कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। आने वाले सप्ताहों में भी विभिन्न स्थानों पर नदी उत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता रहेगा।