नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार को कहा कि ये लोग किसानों, नौजवानों और वीर जवानों के साथ नहीं हैं तथा सिर्फ विरोध के लिए ‘विरोध’ करने के कारण अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग माध्यम से नमामि गंगे मिशन के तहत हरिद्वार, ऋषिकेश और बद्रीनाथ में छह बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद कहा कि आज ये लोग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी भ्रम फैला रहे हैं। देश में एमएसपी भी रहेगा और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की आजादी भी रहेगी।
लेकिन ये आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वर्षों तक एमएसपी लागू करने की बात की जाती रही लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। उनकी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की इच्छा के अनुसार ही एमएसपी लागू किया है।
उन्होंने कहा कि आज जब केंद्र सरकार किसानों को उनके अधिकार दे रही है तो उसका विरोध किया जा रहा है। ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए। उन्होंने कहा कि जिन उपकरणों की किसान पूजा करते हैं उसे आग लगाकर किसानों को अपमानित किया जा रहा हैं।
प्रधानमंत्री ने सेना की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमान आए और उसकी ताकत बढ़े इसका भी वे ‘लोग’ विरोध करते रहे। लेकिन खुशी है कि आज राफेल से भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ रही है। अंबाला से लेकर लेह तक उसकी गर्जना भारतीय जांबाजों का हौंसला बढ़ रही हैं। वायुसेना लंबे समय तक कहती रही कि उसे आधुनिक लड़ाकू विमान चाहिए लेकिन उनकी बात को अनसुना किया गया। केन्द्र ने सीधे फ्रांस सरकार से राफेल लड़ाकू विमान का समझौता कर लिया तो इन्हें फिर दिक्कत हुई।
मोदी ने कहा कि देश के किसानों, श्रमिकों और स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं। इन सुधारों से श्रमिक, नौजवान, महिला और किसान का सशक्तीकरण होगा। पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है। पहले उच्चतम न्यायालय में राम मंदिर का विरोध किया गया फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे। उन्होंने कहा कि हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी तो उसका विरोध किया गया। जब सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था तब भी उसका विरोध किया गया। आज तक इनका कोई बड़ा नेता ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर नहीं गया है। सरकार ने जब ‘वन रैंक वन पेंशन’ का लाभ सैनिकों को दिया तो उसका भी विरोध किया गया। चार वर्ष पहले जब देश के जांबांजों ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था तो इसके सबूत मांगे गए थे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है। जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे। देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका हमेशा विरोध किया गया। जल जीवन मिशन ने गांव के लोगों को एक अवसर दिया है।
यह अवसर- अपने गांव को पानी की समस्याओं से मुक्त करने का है। उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक रूपए में पानी का कनेक्शन देने का बीड़ा उठाया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2022 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। कोरोना काल के बीच भी उत्तराखंड में बीते 4-5 महीने में करीब 50 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब एक लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है।
सिर्फ एक साल में ही देश के दो करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि आज से देश का पहला चार मंजिला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो चुका है। हरिद्वार में भी ऐसे 20 से अधिक नालों को बंद किया जा चुका है। इसमें ऋषिकेश से सटे मुनि की रेती का चंद्रेश्वर नगर नाला भी शामिल है। इसके कारण यहां गंगा जी के दर्शन के लिए आने वाले और राफ्टिंग करने वाले साथियों को बहुत परेशानी होती थी।
अब गंगा संग्रहालय के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा। यह संग्रहालय हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है। उत्तराखंड में गंगोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ से हरिद्वार तक 130 से अधिक नाले गंगा नदी में गिरते थे। आज इन नालों में से अधिकतर को रोक दिया गया है। नमामि गंगे परियोजना के तहत 30 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है या पूरा हो चुका है।