सीकर। वंदेमातरम की गूंज से शुरू हुई पत्रकारिता ने वर्तमान समय में मूल स्वरूप को खो सा दिया है। पत्रकारिता के मायने निर्भिकता एवं निष्पक्षता के साथ सच्चाई को सामने लाना है। आधारहीन फेंक न्यूज व सनसनी फैलाना नहीं है। यह बात पाचंजन्य के संपादक हितेश शंकर ने शनिवार को सांवली चौराहा बीकानेर बाईपास रोड स्थित भारतीय शिक्षा संकुल के सभागार में आयोजित नारद जयंती एवं पत्रकार सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि दुनिया के पहले पत्रकार के रूप में सर्वमान्य नारद ने सदैव सबके हितार्थ काम करते हुए सच को सबके सामने लाने का काम किया। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता को माना गया है। इस कारण पत्रकार की जिम्मेदारी ओर अधिक बढ़ जाती है कि वह किसी के प्रभाव व दबाव में आए बिना अपने काम को बखूबी अंजाम देंवे।
समारोह के विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह गेंदालाल व भारतीय शिक्षा संकुल के निदेशक हरिराम रणवां ने नारद जयंती के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में पत्रकारिता जगत की समाज में सक्रिय व अहम भागीदारी को लेकर में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया व मोबाइल के प्रचलन से पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर सवाल जरूर खड़े हुए है। साथ ही प्रतिस्पर्धा के चलते सुधार भी काफी हुआ है। इस मौके पर सह क्षेत्र प्रचार प्रमुख निम्बाराम, प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, विभाग प्रचारक विशाल कुमार, प्रांत प्रचार प्रमुख मनोज कुमार, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह शेखावत, विनोद सिंह चौहान सहित काफी सं या में सीकर विभाग के पत्रकार व कार्यकर्ता मौजूद थे।
इन पत्रकारों का हुआ सम्मान
नारद जयंती पर पत्रकारिता क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को शॉल, श्रीफल व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में पत्रकारों में जोगेन्द्र सिंह गौड़, राजेश सिंघल, मनोज शर्मा व इकबाल खान शामिल है।