कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक पूर्व करीबी सहयोगी को दी गई जमानत पर सोमवार की देर रात रोक लगा दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इससे पहले दिन में चारों नेताओं को नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में सीबाआई की विशेष अदालत ने चारों नेताओं को जमानत पर रिहा भी कर दिया था।
विशेष अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने सीबीआई और बचाव पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और पूर्व महापौर शोभन चटर्जी की जमानत मंजूर कर ली।
अब चूंकि चारों नेताओं की जमानत रद्द की जा चुकी है अब उन्हें 19 मई तक सीबीआई की हिरासत में रहना होगा। उस दिन उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी। इसबीच सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी एसएमएच मीराज समेत इन चारों नेताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। मीराज अभी जमानत पर हैं।
उधर, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री बनर्जी ने सीबीआई से उन्हें भी गिरफ्तार करने की मांग की तथा करीब छह घंटे तक जांच एजेंसी के कार्यालय के बाहर धरना पर बैठी रहीं। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने बनर्जी के दो वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी को शहर के निज़ाम पैलेस में गिरफ्तार किया था।
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