नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नारद रिश्वत मामले में चार नेताओं को घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर अपनी अपील मंगलवार को वापस ले ली।
उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को उसके अनुरोध पर अपील वापस लेने की अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय ने जिन नेताओं को घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दी थी उनमें से तीन तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं।
न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि हम गुण दोष के आधार पर कोई आदेश पारित नहीं करना चाहते। कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ पहले अपना विचार देगी, उसके बाद हम मामले पर गौर करेंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने स्वीकार किया है कि मामले पर पांच न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है और उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए ताकि यहां उठाए गए सभी मुद्दों को उच्च न्यायालय के समक्ष उठाया जा सके, जिसकी अनुमति शीर्ष अदालत ने दे दी।