* नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के द्धारा किया जायेगा आयोजन
जयपुर। पिछले 32 वर्षों से दिव्यांगों की निःशुल्क चिकित्सा, सहायता, निराश्रित बच्चों की शिक्षा, स्कूली बच्चों को पाठ्य सामग्री, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के कमज़ोर वर्ग के परिवारों को राशन सेवा में संलग्न नारायण सेवा संस्थान उदयपुर (राजस्थान) की ओर से दिव्यांगजनों के जीवन में खुशियों के रंग भरने और उनकी प्रतिभा से आमजन को रूबरू करवाने के लिए ’दिव्य-2018’ दिव्यांग फैशन एण्ड टेलेंट शो का आयोजन 20 मई 2018 को रविन्द्र मंच, जयपुर में किया जायेगा।
नारायण सेवा संस्थान के प्रवक्ता ओमपाल सीलन ने बताया कि ”कार्यक्रम में संस्थान अध्यक्ष सेवक प्रशांत भैया तथा सुप्रसिद्ध नृत्यांगना एवं फिल्म कलाकार सुधाचंद्रन भी विशेष रुप से उपस्थित होंगे। सांय 7.00 बजे शुरु होने वाले इस आयोजन में कुल चार श्रेणियों में दिव्यांग सहभागी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें व्हील चेयर, बैसाखी, कैलीपर्स एवं आर्टिफिशियल लिम्स श्रेणियाँ शामिल हैं। इससे पूर्व उदयपुर, सूरत और मोरबी में दिव्यांग फैशन और टेलेन्ट शो का आयोजित हो चुके हैं। दिव्यांग फैशन एण्ड टेलेंट शो मे सुधाचंद्रन भी नृत्य की प्रस्तुति देंगी। संस्थान के सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र से प्रशिक्षित दिव्यांगजनों के कुशल हाथों से कई डिज़ाईनों में वस्त्र तैयार किये गए हैं जिन्हें पहन कर दिव्यांग प्रतिभागी , रैम्प वाॅक करेंगे।संस्थान की ओर से दिव्यांगजनों का न सिर्फ़ निःशुल्क आॅपरेशन करवाया जाता है, बल्कि उनके जीवन को सुगम बनाने के लिए रोज़गार के अवसर भी मुहैया करवाए जाते हैं।
ये होंगी प्रस्तुतियाँ
आयोजन में फैशन राउण्ड विद कैलिपर, फैशन राउण्ड विद व्हील चेयर, फैशन राउण्ड विद क्रेचेज़ (बैसाखी), फैशन राउण्ड विद आर्टिफिशियल लिम्बस (कृत्रिम अंग), की 4 श्रेणियों में दिव्यांगजन अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे। प्रत्येक श्रेणी में 10-10 प्रतिभागी होंगे। प्रत्येक प्रतिभागी के साथ वाॅक के दौरान एक सकलांग सहायक होगा। इस कार्यक्रम में दिव्यांग भाई-बहिन व्हीलचेयर पर नृत्य प्रस्तुति भी देंगे।
हौसले बुलंद तो दिव्यांगता आडे़ नहीं आती
किरण
बालिका किरण के जन्म पर परिवार की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, परन्तु नियति को शायद कुछ और ही मंजू़र था। जन्म के मात्र 11 महीने बाद किरण पोलियोग्रस्त हो गयी। उसका पैर मुड़ गया था, जिससे उसे चलने में काफ़ी दिक्कत का सामना करना पडता था। माता-पिता ने कई अस्पतालों मंें जाँच करवाई, परन्तु कुछ फ़ायदा नहीं हुआ। किरण को अपने माता- पिता का सपना भी पूरा करना था। उसका सपना फैशन डिज़ाइनर बनना था, परन्तु दिव्यांगता उसके आडे़ आ रही थी। कुछ समय बाद उसके माता-पिता को किसी परिजन से नारायण सेवा संस्थान के बारे में पता चला। यहाँ आकर उन्होंने किरण की जाँच कराई। संस्थान में उसका इलाज चला। तत्पश्चात उसने संस्थान में रहते हुए ही सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त लिया। किरण अब कई प्रकार के डिज़ाइनर वस्त्र भी बना लेती है। इसी बीच संस्थान में ‘दिव्य – 2018’ फैशन एण्ड टैलेंट शो आयोजित हुआ, जिसमें उसने भाग लिया तथा माॅडल्स के लिए अपने द्वारा निर्मित डिजाइनर वस्त्रों का भी प्रदर्शन किया, जिससे उसे आगे बढने एवं कुछ कर दिखाने का हौंसला भी मिला। उसने नारायण सेवा संस्थान को धन्यवाद दिया, जिसकी वजह से किरण जैसे दिव्यांग भाई-बहिनों को ऐसा मंच प्राप्त हुआ।
योगेश
आगरा, उत्तर प्रदेश का मूल निवासी योगेश, एक ग़रीब परिवार से है। उसके जन्म होने पर परिवार में खुशी की लहर छा गई, परन्तु यह खुशी कुछ ही समय कायम रही, क्योंकि जन्म के मात्र छः माह पश्चात, वह पोलियोग्रस्त हो गया। उसके माता-पिता ने कई अस्पतालों मंें उसकी जाँच कराई, परन्तु दुर्भाग्यवश वह ठीक नहीं हो सका। उम्र बढ़ने के साथ ही उसके पैरों में तकलीफ़ बढ़ती चली गई। वह धीरे-धीरे खुद को असहाय महसूस करने लगा। उसे घिसट-घिसट कर चलने में हीन भावना का अहसास होता था। माता -पिता उसे लेकर बहुत परेशान थे। तभी उसने बाॅडी-बिल्डिंग करने की ठानी। कुछ समय पश्चात् योगेश ने जिम जाना शुरु कर दिया तथा हिम्मत के साथ संघर्ष करना जारी रखा। इसी बीच टेलीविजन के माध्यम से उसे ‘नारायण सेवा संस्थान’ के बारे में जानकारी प्राप्त हुई और बिना समय गंवाएँ वह संस्थान पहुँच गया। संस्थान में रहते हुए ही संस्थान द्वारा संचालित मोबाइल रिपेयरिंग में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसी बीच, संस्थान द्वारा ‘दिव्य – 2018’ फैशन एण्ड टैलेंट शो आयोजित किया गया। जिसमें उसने भाग लिया तथा अपने शारीरिक कौशल के साथ अपने गठीले शरीर का भी प्रदर्शन किया।
जगदीश
संस्थान द्वारा ‘दिव्य – 2018’ फैशन एण्ड टैलेट शो का आयोजन किया गया जहाँ दिव्यांग जगदीश ने अपने शारीरिक हुनर एवं कौैशल का जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सभी को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर दिया। उसने कई माॅडल्स के साथ मिलकर रेंप पर केटवाॅक किया। तत्पश्चात, उसने लकड़ी के सहारे कई स्टण्ट किए जिसे देख सभी दर्शक आश्चर्यचकित रह गए। फिर उसने उसने दिल को छू लेने वाले एक गीत पर अतिसुन्दर प्रस्तुति दी जिसे देख सम्पूर्ण पण्डाल तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गूंज उठा। तालियां मानो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी।जगदीश को इस बात की खुशी है कि उसे संस्थान में सभी लोगों से अपनापन एवं सहयोग तो मिला ही साथ ही उसे संस्थान के असीम सहयोग से अपनी कला कौशल को मंच के माध्यम से प्रदर्शित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । जगदीश ने इस बात का प्रण लिया कि वह भी अन्य दिव्यांग भाई – बहिनों की मदद करने को सदैव तत्पर रहेगा तथा उनका उत्थान करने हेतु अपनी ओर से कोई कसर बाकी नहीं छोडेगा, क्योंकि उसके अनुसार दिव्यांग भाई – बहिनों मंें किसी न किसी प्रकार का हुनर अवश्य ही विद्यमान रहता है,आवश्यकता तो उस हुनर को तराशने की है। निराश बैठे इन जरुरतमंदों को नारायण सेवा संस्थान उपयुक्त मंच प्रदान कर न सिर्फ उनका उत्साहवर्धन कर रहा है, बल्कि अपने हुनर को पेश करने में उन्हें प्र्रेरित भी कर रहा है। उसने संस्थान के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की हैं।
जाहन्वी
जाहन्वी- तापी, गुजरात की रहने वाली छोटी-सी जाहन्वी जब पैदा हुई तो उसका पांव टेढ़ा और छोटा था। अचार व पापड़ बेच कर गुजारा करने वाली इसकी गरीब माँ ने जब बच्ची को डाॅक्टर को दिखाया तो डाॅक्टर ने पाँव काटने की सलाह दी और 5 लाख रूपय खर्च बताया, जो कि इस गरीब माँ के लिए संभव नहीं था। लेकिन जब ये बच्ची नारायण सेवा में आई तो इसे विशेष तरह का कृत्रिम पाँव लगाया गया, जिसकी वजह से इसका पाँव भी कटने से बच गया और कोई पैसा भी नहीं लगा। अब जाहन्वी नारायण सेवा की फैशन एंड टैलेन्ट टीम का हिस्सा है और काफी खुश है।