नई दिल्ली। नई दिल्ली में नारायण सेवा संस्थान ने 32वें दिव्यांग और निर्धन व्यक्तियों के सामूहिक विवाह समारोह का सफल आयोजन किया। इसमें 52 बग्गियां सजाई गई। और दिव्यांग दुल्हनों को बिठाकर वेदियों तक ले जाया गया।
राजौरी गार्डेन में आयोजित इस विवाह समारोह में 52 वेदियां तैयार की गई थीं। जहां पर देश के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से पहुंचे धर्माचार्यों ने पूरे विधि विधान व रीति रिवाजों के साथ विवाह उत्सव को संपन्न कराया। यहां पर दुनियाभर से आए भामाशाहों ने नव दंपत्तियों को अपना आशीर्वाद दिया। इस सामूहिक विवाह समारोह में लगभग 3000 मेहमानों ने भाग लिया।
देश के विभिन्न राज्यों से चुने गए यह जोड़े अपने परिजनों के साथ दो सामूहिक विवाह समारोह- 2019 में शामिल हुए। नारायण सेवा संस्थान ने दिल्ली में इन सभी के रहने खाने का पूरा इंतजाम किया था। इसके अलावा विवाह स्थल तक आने जाने के लिए व्यवस्थित वाहनों की भी भी सुविधा दी गई थी।
52 पंडितों ने किया मंत्रों उच्चारण
विवाह समारोह में 52 पंडितों ने मंत्रोंउच्चारण किया। इसके साथ ही दिव्यांग जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जीवन भर एक-दूजे के साथ रहने की कसमें खाईं। दिव्यांगों ने भगवान को साक्षी मानकर अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया। नारायण सेवा संस्थान व दुनियाभर से जुड़े भामाशाहों की ओर इन नव दंपत्तियों को अपने जीवन को नए सिरे से शुरू करने के लिए गृहस्थी के सभी साजो सामान भी प्रदान किए गए। इसके अलावा वधू को श्रृंगार के साजो सामान भी प्रदान कराए गए। इस दौरान तीन दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल, लगभग आधा दर्जन ईयर मशीन व कैलिपर्स भी दिए गए।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने इस सफल आयोजन की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि नारायण सेवा संस्थान पिछले 18 वर्षों से दिव्यांगों का विवाह समारोह आयोजित कर रहा है। नारायण सेवा संस्थान ने अब तक 30 से अधिक सामूहिक विवाह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए हैं। इस दौरान 1300 से अधिक जोड़ों को अपनी नई पारी शुरू करने में मदद की ई है।
नारायण सेवा संस्थान का प्रयास दिव्यांगों और निर्धन व्यक्तियों की सहायता प्रदान करना है। ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में जीने का अवसर मिल सके। इसके लिए हमारी ओर से न केवल ऐसे व्यक्तियों की चिकित्सा सर्जरीए शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग दिया जा रहा है। बल्कि उनकी सामाजिक जरूरतों का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। दिव्यांगों को जीवन साथी खोजने में मदद करना, उन्हें अपना घर बसाने और जीवन शुरू करने में मदद करने जैसे कार्य लगातार किए जा रहे हैं।
उदाहरण के लिए धूलिया(महाराष्ट्र) की जया और दीपक की जोड़ी ने भी सामूहिक विवाह समारोह के इस असाधारण कार्यक्रम में शादी की है। वे दोनों नारायण सेवा संस्थान में आए थे, जहां जया के परिवार ने पाया कि दीपक उसके लिए सबसे अच्छा जीवन साथी हो सकता है। उन्होंने 32वें दिव्यांग एवं निर्धन शाही सामूहिक विवाह समारोह 2019 के तहत अपने विवाह समारोह की व्यवस्था में मदद के लिए नारायण सेवा संस्थान से संपर्क किया।
जया और दीपक ने नारायण सेवा संस्थान से कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है जिससे उनके कॅरियर को दिशा मिली। जया को एक एनजीओ संचालित स्कूल में एक पेंटिंग शिक्षक के रूप में काम मिला और मोबाइल मरम्मत में डिप्लोमा हासिल करने के बाद दीपक ने अपना उद्यम शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
इससे पहले नारायण सेवा संस्थान की वार्षिक पहल का आयोजन राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे विभिन्न राज्यों में किया गया है। नारायण सेवा संस्थान विशेष रूप से विकलांगों के लिए 1100 बिस्तरों वाला अस्पताल भी चलाता है जहां बिना किसी खर्च के दैनिक सर्जरी की जाती है।
इसके अलावा संस्थान दिव्यांगों को विभिन्न व्यावसायिक कार्यक्रमों के तहत खास विधाओं में कौशल प्राप्त करने में मदद करता है और उन्हें रोजगार खोजने में भी मदद करता है। नारायण सेवा संस्थान का अपने परिसर में एक कौशल केंद्र है जहां फैशन डिजाइनिंग और टेलरिंग कार्य, मोबाइल रिपेयरिंग और कंप्यूटर लर्निंग ट्रेनिंग दिव्यांग युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं।