नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दवाब में देश से असत्य बोलने का आरोप लगाया जिसे रक्षा मंत्री ने पूरी तरह गलत बताया।
गांधी ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कहा कि निर्मला सीतारमन ने पहले कहा था कि वह फ्रांस के साथ हुए सौदे के अनुरुप राफेल लड़ाकू विमान की कीमत बताएंगी लेकिन बाद में उन्होंने यह कह कर एेसा करने से इंकार कर दिया कि फ्रांस सरकार के साथ गोपनीयता बरतने की सहमति के चलते वह इनकी कीमत नहीं बता सकती।
गांधी ने कहा कि इस बारे में उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति से बात हुई थी और फ्रांस के राष्ट्रपति ने साफ किया कि इस तरह का कोई करार नहीं हुआ है और वह यह बात सभी को बता सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने अारोप लगाया कि सीतारमन ने प्रधानमंत्री के दवाब में गलत जानकारी दी है।
गांधी के आरोप से तिलमिलाई रक्षामंत्री ने उसी समय इस मामले पर सफाई देनी चाही लेकिन गांधी ने उन्हें बोलने का मौका देने से इंकार कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण समाप्त होने पर सीतारमन ने उन पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने एक भारतीय मीडिया समूह से साक्षात्कार में इस बारे में गोपनीयता के करार का हवाला देकर कोई भी विवरण साझा करने से इन्कार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि गांधी की पार्टी के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में भारत सरकार और फ्रांस की सरकार के बीच 25 जनवरी 2008 को एक समझौता हुआ था जिसमें रक्षा सौदे की गोपनीयता का प्रावधान भी शामिल था।
उन्हाेंने कहा कि भारत एवं फ्रांस के बीच अंतर सरकारी समझौते के अनुच्छेद 10 के तहत सूचनाओं एवं सामग्री से जुड़ी जानकारियों के संरक्षण का प्रावधान किया गया है और उस पर तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने उस पर हस्ताक्षर किया था।
उन्होंने उक्त रक्षा समझौते में गोपनीयता वाले प्रावधान की प्रति सदन में दिखाई और कहा कि गांधी एवं फ्रांस के राष्ट्रपति के बीच क्या बातचीत हुई है, इस बारे में वह या कोई कुछ नहीं कह सकता क्योंकि दोनों ने क्या बात की, यह कोई नहीं जान सकता। सीतारमण ने कहा कि गांधी ने जो आरोप लगाए हैं उनका न तो कोई रिकॉर्ड है और न ही कोई सबूत।