नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में संसद में कागज फाड़ने और विधेयकों के पारित किए जाने को लेकर विपक्षी सदस्यों की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर गहरा रोष जताया और कहा कि विपक्षी सदस्य संसद और संविधान का अपमान कर रहे हैं।
मोदी ने भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह कहा। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कल तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने ट्वीट किया था। प्रधानमंत्री ने इसे जनता का अपमान बताया और कहा कि जनता ही सांसदों को चुनती है। प्रधानमंत्री ने इस बयान पर नाराजगी जताई…पापड़ी-चाट बनाने की बात करना अपमानजनक बयान है। कागज छीन लेना और उसके टुकड़े कर फेंकना और माफी भी ना मांगना उनके अहंकार को दर्शाता है।
जोशी ने कहा कि अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटा योजना में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी और आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने के लिए बैठक में प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जनता के प्रति अपनी वचनबद्धता को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री ने ई-रूपी के बारे में भी बात की और कहा कि इसका लक्ष्य लोगों को लाभ पहुंचाना है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने जुलाई में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संकलन के जुलाई में एक लाख 16 हजार करोड़ रुपए होने की सूचना दी और टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु को कांस्य पदक मिलने और दोनों हाकी टीमों की उपलब्धियों पर शुभकामनाएं प्रेषित कीं।