वाशिंगटन। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पहली बार सूर्य के नजदीक से अध्ययन करने के लिए रविवार की सुबह यान का प्रक्षेपण किया। नासा ने इस मिशन काे ‘पार्कर सोलर प्रोब’ नाम दिया है। नासा का यान सूर्य के निकट जाकर उसके आसपास के वातावरण, स्वभाव और उसकी कार्यप्रणालियों का अध्ययन करेगा।
इस मिशन को शनिवार प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन किसी कारणवश इसका प्रक्षेपण नहीं हो सका। नासा का यह अंतरिक्ष यान एक छोटी कार के आकार जितना है फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्थानीय समयानुसार तड़के 3.30 लॉन्च किया गया। यह कुछ महीनों के बाद सूर्य के करीब पहुंचेगा।
इस मिशन का कार्यकाल सात वर्ष का है और इस दौरान यह सात बार सूर्य की सतह से करीब 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। इससे पहले कभी कोई भी अंतरिक्ष यान सूर्य इतने करीब से नहीं गुजरा है, जितने करीब यह यान पहुंचेगा।
इस मिशन पर 1.4 अरब का खर्च आया है। अगर यह मिशन सफल रहता है तो हमें दुनिया के अस्तित्व के बारे में पता लगाने में और आसानी हो जाएगी। वर्ष 2024 तक यह यान 6.4 मिलियन किलोमीटर की दूरी तय कर सूर्य के सात चक्कर लगाएगा। इस यान को थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है।
यह पृथ्वी के मुकाबले तीन हजार गुना अधिक गर्मी को सहन कर सकता है। इस यान को कुछ इस तरह बनाया गया है कि यह सूर्य की गर्मी को अवशेषित कर ले और उसे विक्षेपित कर देगा।
इस यान में एक वाटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जो इस यान को सौर ऊर्जा से क्षतिग्रस्त होने से बचाएगा और यान का तापमान 29 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखेगा।