नसीराबाद। नसीराबाद के राजकीय सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सक हठधर्मिता के चलते एक मरीज की जिंदगी दांव पर लग गई। गुरुवार देर रात नाइट ड्यूटी पर तैनात डॉ अरुण नाहर ने मुकेरी मोहल्ला से गंभीर हालत में लाए गए एक मरीज इमरान को अपनी सीट से उठकर देखने तक की जहमत नही उठाई। मरीज के परिजनों ने उनसे खूब गुहार लगाई पर डा नाहर टस से मस नहीं हुए। इस दौरान मरीज की स्थिति बिगड़ती चली गई।
तंग आकर मरीज के परीचितों ने मीडिया कर्मियों को इस मामले की सूचना दी। मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ भी डॉक्टर नाहर अभद्रता करने पर उतारू हो गए और सिटी थाने पर फोन कर पुलिस बुला ली। सिटी थाना पुलिस से आए पुलिसकर्मियों ने भी उनसे मरीज की जांच उपचार करने का आग्रह किया पर डॉक्टर नाहर कुर्सी से नहीं उठे और मरीज को नहीं देखा।
मीडिया कर्मियों ने चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा प्रभारी डॉ विनय कपूर साथ ही अजमेर जिला चिकित्सा संयुक्त निदेशक डॉ इंद्रजीत सिंह को भी मामले से अवगत कराया। दोनों अधिकारियों ने जब डाक्टर नाहर से बात करनी चाही तब भी उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।
चिकित्सा प्रभारी डॉ विनय कपूर ने वहां के स्टाफ और रेजिडेंट डॉक्टर को फोनकर मामले की जानकारी देते हुए गंभीर मरीज की जांच व उपचार करने को कहा। मरीज की गंभीर हालत देखते हुए तुरंत अजमेर रेफर कर दिया।
इस मामले में संज्ञान लेते हुए शुक्रवार सुबह प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने नसीराबाद अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा प्रभारी को एक लिखित आदेश जारी कर कमेठी गठित कर मामले की जांच करने की हिदायत दी साथ ही सात दिवस में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
डॉ विनय कपूर ने बताया कि कमेटी का गठन कर दिया गया है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इस बीच नसीराबाद के पत्रकारों और मरीज के परिजनों ने उन्हें लिखित शिकायत देकर दोषी डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की। मामले में जब दोषी चिकित्सक डॉक्टर अरुण नहर से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने पत्रकारों को बाहर निकल जाने के लिए कहा।
महिला चिकित्सक के कक्ष की छत का गिरा प्लास्टर
राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद की महिला चिकित्सक के कक्ष की छत का प्लास्टर शुक्रवार को डाक्टर तथा मरीजों पर गिर जाने से अफरा तफरी मच गई, गनीमत रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
राजकीय सामान्य चिकित्सालय की महिला चिकित्सक गायनिक डॉ सुरभि वशिष्ट ने बताया कि वह महिला मरीजों की चिकित्सा कर परामर्श दे रही थीं। इसी बीच छत का प्लास्टर नीचे आ गिरा। गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई।
उन्होंने बताया कि कमरे की स्थिति ठीक नहीं होने की जानकारी पूर्व में लिखित रूप में प्रमुख चिकित्सा प्रभारी को दी जा चुकी है। इतना ही नहीं दोपहर में हुई तेज बारिश के कारण चिकित्सालय के वार्डों में पानी भर गया जिससे भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी।