ब्रिस्बेन। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन और ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में चौथे और अंतिम टेस्ट में शुक्रवार को पदार्पण करने के साथ ही भारत के क्रमशः 300वें और 301वें टेस्ट खिलाड़ी बन गए।
नटराजन के लिए ऑस्ट्रेलिया का यह दौरा हर लिहाज से भाग्यशाली साबित हुआ। नटराजन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले यूएई में खेले गए आईपीएल में अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया था। उनकी शानदार गेंदबाजी के कारण ही उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम के साथ नेट गेंदबाज के रुप में चुना गया।
नटराजन नेट गेंदबाज के रुप में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे लेकिन उन्होंने भारत के लिए वनडे, टी-20 और टेस्ट तीनों ही प्रारुप में अपना पदार्पण कर डाला। नटराजन और सुंदर इस तरह ब्रिस्बेन में भारत के लिए पदार्पण करने वाले छठे और सातवें खिलाड़ी बन गए।
इससे पहले हेमू अधिकारी, जेनी ईरानी, गोगूमल किशनचंद और खांडू रंगनेकर ने 28 नवंबर 1947 को ब्रिस्बेन में भारत के लिए टेस्ट पदार्पण किया था जबकि जवागल श्रीनाथ ने 29 नवंबर 1991 को ब्रिस्बेन में भारत के लिए टेस्ट पदार्पण किया था।
इस मुकाबले में अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह तथा ऑफ़ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन पूरी तरह फिट नहीं होने के कारण बाहर हो गए और इन दोनों खिलाड़ियों के स्थान पर नटराजन और सुंदर को मौका मिला।
तेज गेंदबाज बुमराह पेट में खिंचाव से परेशान थे और अश्विन को पसलियों में चोट है जिसके कारण टीम इंडिया ने मैच की पूर्वसंध्या पर अपनी एकादश की घोषणा नहीं की थी।
इसके अलावा चोटिल रवीन्द्र जडेजा और हनुमा विहारी के स्थान पर टीम में शार्दुल ठाकुर और मयंक अग्रवाल को शामिल किया गया है। जडेजा जहां अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण सीरीज से बाहर हो गए थे वहीं हनुमा तीसरे टेस्ट मैच में रन लेने के दौरान हैमस्ट्रिंग का शिकार हुए थे। इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी की थी और मैच को ड्रा कराने में अहम भूमिका निभाई थी।
भारत को खिलाड़ियों के चोटिल होने की वजह इस मैच के लिए टीम में चार बदलाव करने पड़े । तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव चोटिल होने की वजह से पहले ही सीरीज से बाहर हो चुके थे और अब तेज तर्रार गेंदबाज बुमराह भी चौथे टेस्ट से बाहर हो गए। बुमराह के बाहर होने से चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में गेंदबाजी की जिम्मेदारी इन गेंदबाजों पर ही होगी और उनके पास अपने आपको साबित करना का भी सुनहरा मौका रहेगा।