नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ झड़प में बीस सैनिकों की मौत पर दुख जताते हुए कहा है कि दुख की इस घड़ी में समूचा देश शहीदों के परिजनों के साथ एकजुट है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी क्षेत्र में सोमवार की रात हुई झड़प में सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। सिंह ने टि्वटर पर अपने शोक संदेश में कहा है कि गलवान घाटी में सैनिकों की मौत परेशान करने वाली और दुखद है। हमारे सैनिकों ने कर्तव्य की वेदी पर असाधारण साहस और बहादुरी का परिचय दिया तथा सेना की सर्वोच्च परंपराओं का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
एक अन्य टि्वट में उन्होंने कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भुला पायेगा। शहीदों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मुसीबत की इस घड़ी में राष्ट्र उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सेना के इन वीरों की बहादुरी तथा साहस पर हमें गर्व है।
पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं शहीदों के पार्थिव शरीर
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सोमवार को चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद होने वाले 20 सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके पैतृक स्थानों पर भेजे जा रहे हैं। इन शहीदों के नाम इस प्रकार हैं।
कर्नल बी संतोष बाबू (हैदराबाद), सुबेदार एन सोरेन (मयूरभंज ओडिशा), नायब सुबेदार मंदीप सिंह (पटियाला पंजाब), नायब सुबेदार (गुरदासपुर पंजाब), हवलदार के पलानी (मदुरै तमिलनाडु), हवलदार सुनील कुमार (पटना बिहार), हवलदार बिपुल राय (मेरठ सिटी उत्तर प्रदेश), नायक दीपक कुमार (रेवा मध्य प्रदेश), सिपाही राजेश ओरांग (बीरघुम),सिपाही कुंदन कुमार ओझा (साहिबगंज), सिपाही गणेश राम (कांकेर), सिपाही चंक्रकांत प्रधान (कंधमाल ओडिशा), सिपाही अंकुश (हमीरपुर), सिपाही गुरबिंदर (संगरूर पंजाब), सिपाही गुरतेज सिंह (मनसा), सिपाही चंदन कुमार (भोजपुर),सिपाही कुंदन कुमार (सहरसा बिहार), सिपाही अमन कुमार (समस्तीपुर बिहार), सिपाही जयकिशोर सिंह (वैशाली) और सिपाही गणेश हंसदा (पूर्वी सिंहभूम)।
सेना के अनुसार इन सभी शहीदों के परिजनों को उनके देश के लिए सर्वोच्च बलिदान के बारे में जानकारी दे दी गई है और उनके पार्थिव शरीरों को उनके पैतृक स्थलों पर भेजा जा रहा है जहां इनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।