श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल ने पांच अगस्त से नजरबंद पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से रविवार को मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पार्टी आगामी ब्लॉक विकास परिषद चुनाव से दूर रहेगी लेकिन इस बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को लेना है, जिन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत नजरबंद रखा गया है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक की अनुमति मिलने के एक दिन बाद जम्मू में नेकां के अस्थायी अध्यक्ष देवेंद्र राणा के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रतिनिधमंडल ने डॉ फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से यहां मुलाकात की। नेकां प्रतिनिधिमंडल दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करने के लिए आज सुबह जम्मू से से श्रीनगर आया था।
डॉ फारूक को श्रीनगर स्थित उनके आवास में नजरबंद रखा गया है जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला को राज्य के अतिथि गृह में नजरबंद किया गया है।
राणा ने आगामी बीडीसी चुनावों में नेकां के लड़ने या न लड़ने का सवाल पूछे जाने पर कहा कि हम बीडीसी चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को लेना है जो जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत नजरबंद हैं। उन्होंने कहा कि पहले वे रिहा हाे जाएं और फिर पार्टी की कार्यसमिति बैठक करेगी और एक रणनीति तैयार करेगी।
नेकां नेता ने कहा कि अगर राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी है तो मुख्यधारा के नेताओं केा रिहा करना होगा। उन्होंने कहा कि पिता और पुत्र कुशल हैं और उनका जज्बा कम नहीं हुआ है हालांकि दोनों राज्य में जारी गतिविधियों और लोगों को हिरासत में लिये जाने से दुखी हैं।
राणा ने डॉ फारूक से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि हम इस बात से खुश हैं कि वे दोना सकुशल हैं लेकिन इस बात में कोई शक नहीं है कि वे राज्य में लोगों को हिरासत में लिये जाने और जारी गतिविधियों को लेकर दुखी हैं।
नेकां ने गुरुवार को राज्यपाल से जम्मू के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को नेकां के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से मिलने देने की अनुमति देने का आग्रह किया था।