जयपुर। मायड़ थारो वो पूत कठे एवं एड़ो म्हारो राजस्थान जैसी जन जन की कंठ का गान करने वाली कविताओं के रचयिता राष्ट्रीय कवि माधव दरक का आज निधन हो गया।
वह 86 वर्ष के थे। वह पिछले लंबे समय से बीमार थे। उनके पैतृक गांव राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ (केलवाड़ा) में आज सुबह छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
कवि दरक ने अपनी जीवन यात्रा के दौरान सात से अधिक गद्य एवं पद्य की पुस्तकें प्रकाशित की। उन्होंने अपने जीवन यात्रा के दौरान 1800 के लगभग देश के विभिन्न क्षेत्रों में सार्वजनिक मंचों से कविता पाठ किया।