जयपुर। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान स्थित विवेकानंद लेक्चर थियेटर कॉम्पलैक्स (वीएलटीसी) में विज्ञान भारती राजस्थान और एमएनआईटी के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का आगज हुआ। कार्यक्रम का उद्द्याटन दीप प्रज्जवलन से हुआ।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव जयन्त सहस्त्रबुद्धे ने इस अवसर पर कहा कि विज्ञान भारती देश में स्वदेशी आंदोलन का कार्य कर रही है। देश में युवाओं का विज्ञान के साथ स्वावलम्बी बने इस के लिए विज्ञान भारती प्रयासरत है।
भारत के प्रसिद्व वैज्ञानिक जिनकी याद में देश 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रूप में मनाता है ऐसे चन्द्रशेखर वैंकटरमण के जीवन के बारे में उपस्थित युवाओं को बताते हुए उन्होंनें कहा कि नोबल पुरस्कार प्राप्त करते वक्त भी उनके मन में पीडा थी की मेरा तो सम्मान आज इस पुरस्कार के रूप में हो रहा है किन्तु मेरे देश का सम्मान नहीं हो रहा है, क्योंकि दुर्भाग्य से उस समय हमारा देश परतन्त्र था।
उन्होंने बताया की सीवी रमण का मानना था की देश का उत्थान विज्ञान के द्वारा ही हो सकता है। हमें उनके इस संकल्प को विज्ञान के माध्यम से आगे बढाना चाहिए।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जोधपुर आईआईटी के निदेशक डॉ. सीवीआर मूर्ति ने कहा कि हमें देश में तकनीकी क्षेत्र को ओर विकसित करना होगा। हमें शिक्षा के माध्यम से तकनीकि क्षेत्र के विद्यार्थीयों में ओर निखार लाना होगा। तभी देश विज्ञान के साथ तकनीक का भी विकास होगा।
एमएनआईटी के निदेशक डॉ. उदय कुमार यागारेट्टी ने कहा भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थीयों में प्रतिभा की कमी नहीं है। हमें उसे तराश कर निखारने की आवश्यकता है। इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से हम उनकी प्रतिभाओं को खोज कर उन्हें आगे बढानें में अपना योगदान दे सकते है।
विज्ञान भारती के प्रदेश महासचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा ने कहा कि विज्ञान भारती उद्देश्य इस प्रकार के आयोजन से देश की प्रतिभाओं को निकाल कर बाहर लाना है। जिससे भारत विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना सके। उन्होनें कहा की भारत में विज्ञान बहुत आदि काल से मानव कल्याण के लिए काम आ रहा है।
देश में अनेक वैज्ञानिक हुए है। किन्तु आज षिक्षा के पाश्चात्य करण के कारण हमें उनके बारे में नहीं बताया जाता। विज्ञान भारती इस में सुधार का कार्य कर रही है और ऐसे विद्यार्थीयों को तैयार कर रही है जो विज्ञान और तकनीकि क्षेत्र में देश की सेवा करना चाहते है।
कार्यक्रम में उपस्थित सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि विज्ञान के साथ हमें कृषि क्षेत्र में भी विकास करना होगा। भारत कृषि प्रधान देश है। विज्ञान और नई तकनीक के माध्यम से कृषि को ओर विकसित किया जा सकता है। सासंद रामकुमार कुमार वर्मा ने कहा कि हमें अपनी प्राकृतिक सम्पदाओं का सही उपयोग कर देश के विकास को बढना चाहिए।
महिला एवं बाल आयोग अध्यक्ष मनन चतुर्वेदी ने कहा कि विज्ञान हमारी जीवन शैली में है। भारत में धर्म और विज्ञान सदैव समानांतर रहे है। विज्ञान भारती देश में नया परिवर्तन लायेगी जो विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में देष का आगे बढायेगा। कार्यक्रम को आई.आई.टी. दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर डॉ. टी.के.दत्ता ने भी सम्बोधित किया। एमएनआईटी के डॉ. बीएल स्वामी ने सभी का धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम में विज्ञान भारती द्वारा आयोजित विद्यार्थी विज्ञान मंथन के विजेता विद्यार्थीयों को भी सम्मानित किया गया। वीएलटीसी परिसर में विज्ञान एक्सपो का भी उद्धघाटन हुआ। जिसमें विद्यार्थियों के विज्ञान मॉडलों को प्रदर्शित किया गया है।
मिथकों और चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या’ विषय पर व्याख्यान के साथ रोल प्ले, विज्ञान नाटक, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ।
27 फरवरी को दूसरे दिन जैविक खेती – फसल बॉयो टेक्नोलॉजी, सूचना क्रांति, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और टिकाऊ खेती, रसोई बागवानी – डेटा विज्ञान, साइबर सुरक्षा, ई प्रसाशन, आर्टिफीश्यिल इंटेलिजेंस विषयों पर व्याख्यान आयोजित होंगे। इस अवसर पर विद्यार्थी कृषि एवं सूचना प्रद्योगिकी पर प्रस्तुति भी देंगे। विशेष आकर्षण रजत जयंती वर्ष व्याख्यान सतीश रेड्डी द्वारा रक्षा अनुसन्धान एव अंतरिक्ष तकनिकी पर रहेगा।