चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से दिया गया अपना इस्तीफा वापिस ले लिया है। सिद्धू ने आज यहां चंडीगढ़ प्रैस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करने के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने लेकिन साथ यह भी शर्त जोड़ दी कि जिस दिन राज्य का नया महाधिवक्ता नियुक्त होगा उसी दिन प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जाकर अपना कामकाज सम्भाल लेंगे।
उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी के नये मुख्यमंत्री के रूप में पदभार सम्भालने और अमर प्रीत सिंह देओल को राज्य का महाधिवक्ता और इकबाल प्रीत सिंह सहोता को राज्य का पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) नियुक्त किए जाने के विरोध में सिद्धू ने गत 28 सितम्बर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था।
सिद्धू की आपत्ति थी कि देओल गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर बरगाड़ी में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई फायरिंग मामले में कथित आरोपी और तत्कालीन डीजीपी सुमेद सिंह सैनी की अदालत में पैरवी कर रहे थे और उन्होंने ही सैनी जमानत दिलाई थी।
सिद्धू हाल ही में फिर से चन्नी सरकार पर सवाल उठाए थे लेकिन अगले ही दिन उन्होंने चन्नी के साथ देहरादून पहुंच कर पार्टी के प्रदेश मामनों के पूर्व प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने बाद में केदारनाथ धाम पहुंच कर पूजा अर्चना भी थी। अब अचानक बदले घटनाक्रम में सिद्धू ने प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा वापिस लेने की घोषणा कर दी है जिसके पीछे एक कारण हाईकमान का दबाव भी बताया जा रहा है।
इस तरह की सम्भावनाएं प्रबल हो रहीं थी कि सिद्धू अगर इस्तीफा वापस नहीं लेते है राज्य में निकट भविष्य में विधानसभा चुनावों को देखते हुए हाईकमान उनका विकल्प भी तलाश रहा था। इसी की भनक लगते ही सिद्धू ने अपना इस्तीफा तत्काल वापिस लेने की घोषणा कर दी है।