चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने आज फिर से चरणजीत सिंह चन्नी सरकार पर हमलावर हुए और उसके कामकाज और उसके द्वारा की गई नियुक्तियों पर सवाल खड़ा किया।
सिद्धू ने राज्य विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र शुरू होने के साथ अगल से एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य में अपनी ही पार्टी की सरकार को एक विपक्षी नेता की तर्ज पर फिर से घेरने का प्रयास किया।
उन्हाेंने कहा कि बरगाड़ी बेअदबी और गोलीकांड में कार्रवाई तथा ड्रग रैकेट को बेनकाब करने जैसे दो मुद्दों की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर ही मुख्यमंत्री स्तर पर बदलाव किया गया था लेकिन नए मुख्यमंत्री ने गत 47 दिन की अपनी सरकार में इस सम्बंध में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास प्रशासनिक और संवैधानिक अधिकार हैं तो फिर उन्हें काम करने से रोक कौन रहा है।
सिद्धू ने कहा कि वह सरकार की आंख खोलने का प्रयास कर रहे हैं। उनके पास सरकारी स्तर पर फैसले लेने और कार्रवाई करने का कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं हैं। वह तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते उन्हें प्राप्त अधिकारों से कही आगे बढ़ कर काम कर रहे हैं।
उन्होंने चन्नी सरकार पर महाधिवक्ता पद(एजी) पर अमर प्रीत सिंह देओल और पुलिस महानिदेशक पद पर इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्तियों पर फिर निशाना साधते हुये कहा कि उसने इन पदों पर ऐसे लोगों की नियुक्ति की जिन्होंने राज्य की जनता को धोखा दिया।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने बरगाड़ी मामले में सहोता की नेतृत्व में ही एसआईट गठित की थी जिसने बादल परिवार को इस जांच में क्लीन चिट दे दी। जबकि देओल ने बरगाड़ी मामले के कथित मुख्य आरोपी सैनी को अदालत ने नियमित जमानत दिला ली।
अब ये ही व्यक्ति एजी और डीजीपी पदों पर तैनात कर दिए गए हैं तो उक्त दो मुद्दों पर कार्रवाई का फैसला कौन लेगा। जबकि 2017 में इन्हीं दो मुद्दों पर राज्य की जनता ने कांग्रेस को जनादेश देकर सत्ता में बिठाया था। उन्होंने कहा कि सरकार को तय करना चाहिए कि उन्हें अफसरों को चुनना है कि प्रदेश कांग्रेस प्रधान को।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार ड्रग मामले की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही है, उसे किसका डर है। उन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर वैट में कटौती किए जाने राज्य के फैसले पर भी सवाल किया और कहा कि आखिर यह कब तक के लिए है। उन्हें किसका डर है। सरकार को रिपोर्ट को सार्वजनिक करनी चाहिए। पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के मामले पर सिद्धू ने कहा कि क्या यह हमेशा के लिए है।
सिद्धू ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भले ही उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा वापस ले लिया हो, लेकिन वह जिम्मेदारी तभी सम्भालेंगे जब एजी और डीजीपी के मुद्दे का हल होगा यानि ये बदले जाएंगे। मीडिया के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि चन्नी को पार्टी हाईकमान ने मुख्यमंत्री बनाया है तथा इनमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।
यह माना जा रहा है कि चन्नी सरकार की रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एजी और डीजीपी पदों पर की गई नियुक्तियों पर कोई चर्चा नहीं हुई थी और न ही यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल था। सिद्धू को इन्हीं दो नियुक्तियों पर आपत्ति है जिनके विरोध में उन्हाेंने गत 28 सितम्बर को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका मीडिया के माध्यम से सरकार पर आज का हमला भी इसकी परिणति हो सकती है।