आदिशक्ती माता दुर्गा की आराधना को समर्पित शारदीय नवराञी इस साल 29 सितंबर से शुरु हो रही हैं । इस बार शारदीय नवरात्रि 9 दिनकी हैं! पहले दिनको विधीवत घट / कलश स्थापना होती हैं!उसके बाद में नवरात्री के व्रत शुरु होंगे! इन 9 दिनों में माता के 9 रुपो की पुजा अर्चना की जाती हैं! इस बार दशहरा / विजयादशमी 8 अक्टुबर को हैँ । माता दुर्गा के 9 रुपो के नाम
1) शैलपुञी- (प्रतिपदा) पहले दिन पुजन होता हैं!
2) ब्रम्हचारिणी- (द्वीतिया) दुसरे दिन मनोभाव से पुजा की जाती हैं।
3) चंद्र घंटा-(तृतीया) इस रुप का तीसरे दिन पुजा की जाती हैं ।
4) कुष्मांडा(चतुर्थी)- चौथे दिन इस रुप की पुजा होगी!
5)स्कंदमाता-(पंचमी) पाचवे दिन भगवती के स्कंदमाता स्वरुप का पुजन होता हैं!
6) कात्यायनी( षष्ठी)- छठे दिन माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पुजा होती हैं!
7) कालराञी- (सप्तमी)सातवे दिन कालराञी की पुजा की जाती हैं!
8)महागौरी-( अष्टमी)- दुर्गा अष्टमी , नवमी पुजन – इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरुप की पुजा की जाती हैं!
9) नवमी- नवमी हवन, नवरात्रि पारण ! इसदिन कन्याओं को भोज न कराया जाता हैं! 9 छोटी-छोटी कन्याओं को माता का रुप मानकर उनको महाराष्ट्र में पुरणपोली का भोजन तथा अन्य जगह सुजी का हलवा और चने का प्रसाद बनाकर भोजन किया जाता हैं! उसके बाद उनको उपहार दिये जाते हैं! उनके पैर छुकर उनका आर्शिवाद लिया जाता हैं!
कन्यापुजन के बिना नवराञ के व्रत का पुर्ण फल प्राप्त नहीं होता हैं!
10)दशमी- जिन लोगोने माता की प्रतिमाऔ की स्थापना की होगी वे पुरे विधिविधान से माता का विसर्जन करते हैं! इस दिन दशहरा मनाया जायेगा ।