नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड में राजपथ पर इस बार नौसेना की झांकी में 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह की तबाही का मंजर दिखाई देगा।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर जीत की स्वर्ण जयंती को देश भर में स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रहा है। इस युद्ध में नौसेना ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को ध्वस्त कर जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। नौसेना ने इस बार की झांकी में लोगोंं को कराची बंदरगाह पर हमले की झलक दिखाने की कोशिश की है। इस झांकी का उद्देश्य 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान एक विश्वसनीय बल के रूप में नौसेना की शानदार भूमिका को प्रदर्शित करना है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष झांकी का विषय भारतीय नौसेना – युद्ध तत्पर, विश्वसनीय और सुगठित है।
झांकी के अग्र भाग में मिसाइल बोट्स द्वारा कराची बंदरगाह पर हमले को प्रदर्शित किया गया है। ये हमले तीन और चार दिसंबर की दरमियानी रात को ऑपरेशन ट्राइडेंट और आठ तथा नौ दिसंबर की दरमियानी रात को ऑपरेशन पायथोन के तहत किए गए। झांकी में मिसाइल बोट दागने और दोनों अभियानों के दौरान हमलावर यूनिटों द्वारा अपनाये गए मार्ग को झांकी के किनारों पर ट्रैक चार्ट के रूप में भी दर्शाया गया है।
झांकी के पिछले हिस्से में नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को समुद्री हॉक और एलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन का संचालन करते हुए दिखाया गया है। विक्रांत की मदद से चलाये गये हवाई अभियानों से पूर्वी पाकिस्तान के जहाजों और तटीय प्रतिष्ठानों को खासी क्षति पहुंची और बांग्लादेश की मुक्ति में इन अभियानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कमांडर मधवाल ने कहा कि जीत के जश्न के मौके पर हम नौसेना के इतिहास के गौरवमयी अध्याय को लिखने वाले नौसेना कर्मियों के साहस और बलिदान को भी स्वीकार करते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए झांकी में नौसैना के आठ महावीर चक्र हासिल करने वाले नौसैनिकों की तस्वीरों को भी प्रदर्शित किया गया है जिनमें से एक मरणोपरांत था। ट्रेलर के किनारों पर युद्ध में भाग लेने वाले विभिन्न पोतों, मुक्ति वाहिनी और ढ़ाका में आत्मसमर्पण समारोह के साथ नौसेना द्वारा किए गए कमांडो अभियान को दर्शाते हुए भित्ति चित्र भी हैं।
उन्होंने कहा कि यह झांकी 1971 के युद्ध में नौसेना अभियानों के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर करने और इनमें शामिल लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा उम्मीद है कि नौसेना की झांकी परेड देखने वाले दर्शकों के बीच गर्व और देशभक्ति की भावना और भाग लेने वालों के बीच पुरानी यादों की भावना पैदा करेगी ।
इसके अलावा परेड में नौसेना के 96 युवा नाविकों का मार्चिंग दस्ता भी हिस्सा लेगा। इस दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर ललित शर्मा करेंगे।
नौसेना का बैंड भी मास्टर चीफ पेटी आफिसर सुमेश राजन के नेतृत्व में राजपथ पर अपनी स्वर लहरी से दर्शकों काे मंत्र मुग्ध करेगा।