मुंबई। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने बुधवार को यहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर पलटवार करते हुए कहा की पूर्व मुख्यमंत्री का अंडरवर्ल्ड से संबंध रहा है।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा कि फडणवीस कई आरोपों का सामना कर रहे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ही बाजार में नकली मुद्रा लाने और मुंबई में अंडरवर्ल्ड और जबरन वसूली का धंधा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।
राकांपा नेता ने फडणवीस पर 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम के सहयोगी रहे रियाज भाटी के साथ संबंध होने का आरोप लगाया है। रियाज भाटी को फर्जी पासपोर्ट मामले में मुंबई हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था लेकिन दो दिनों के अंदर ही उसे रिहा कर दिया गया। जो फडणवीस के शासनकाल में ही हुआ था।
उन्होंने कहा कि रियाज भाटी फडणवीस के कार्यक्रम में शामिल रहता था। उन्होंने फडणवीस से सवाल किया कि रियाज भाटी कौन हैं? जाली पासपोर्ट मामले में रियाज भाटी को क्यों छोड़ा गया?
मलिक ने कहा कि फडणवीस ने भ्रष्ट लोगों को महाराष्ट्र में सरकारी बोर्डों का अध्यक्ष बनाया। मुन्ना यादव को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। हैदर आजम को एक कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने कहा कि हैदर आजम बांग्लादेशियों को मुंबई में बसाता है।
उन्होंने फडणवीस पर एनसीबी के समीर वानखेड़े की मदद से नकली मुद्रा रैकेट को बचाने का भी आरोप लगाया, जो उस समय राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) का हिस्सा थे। इससे पहले फडणवीस ने राकांपा नेता पर बॉम्बे ब्लास्ट के दो दोषियों के साथ संदिग्ध संपत्ति खरीद में शामिल होने का आरोप लगाया था।
मलिक ने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं है बल्कि अन्याय के खिलाफ है और मैं इसके खिलाफ लड़ता रहूंगा और सच्चाई को सामने लाकर रहूंगा।उन्होंने कहा कि अभी मेरे पास कई सारे ऐसे बम बचे हुए हैं, कुछ बम को विधानसभा फोड़ा जाएगा।
मलिक ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, उस दौरान कई लोग नोटबंछी रैकेट में शामिल थे। जिन्हें फडणवीस का संरक्षण प्राप्त था।
प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषण करते हुए कहा था कि इससे आतंकवाद, काला धन और नकली नोट का खत्मा होगा। इसके बाद कई राज्यों में नकली नोटों को जब्त करना शुरू कर दिया गया था, लेकिन उसके बाद मध्यप्रदेश, तामिलनाडु सहित विभिन्न राज्यों से नकली मुद्रा जब्त होने लगी थी।
इसके बाद अगले एक साल के दौरान महाराष्ट्र में नकली नोट बरामद होने की घटना सामने नहीं आई। मलिक ने मुंबई में तैनात पिछले 14 सालों से समीर वानखेड़े पर भी सवाल उठाया, कहा उनका स्थानांतरण क्यों नहीं हुआ?