इस्लामाबाद। भ्रष्टाचार के मामले में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने चिकित्सकों की सलाह के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने से मना कर दिया है। वह जेल में रहकर ही इलाज करवाना चाहते हैं।
समाचार पत्र डॉन को अदियाला जेल के एक अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी है। शरीफ ने जेल में ही अपना इलाज शुरू किए जाने की बात कही है लेकिन जेल प्रशासन इस संबंध में जारी सरकार के निर्देशों का पालन करेगा।
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेंज के चिकित्सकों की एक टीम ने मंगलवार को शरीफ के स्वास्थ्य की जांच की थी। पूर्व प्रधानमंत्री दिल और मघुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं। टीम के डाॅक्टर कियानी ने डॉन को बताया था कि शरीफ के खून में यूरिया का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। फिलहाल वह डिहाइड्रेशन में भी पीड़ित हैं।
उन्हाेंने कहा कि जब शरीफ को जेल लाया गया था तब उनकी हालत बेहतर थी। अधिक पसीना निकलने और नींद में कमी के कारण शरीफ की तबीयत बिगड़ी। जेल प्रशासन ने अब उनके बैरक में एसी लगवाया है।
उल्लेखनीय है कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जवाबदेही ब्यूरो ने शरीफ को 10 साल और उनकी बेटी मरियम को सात साल की सजा सुनाई। इसके अलावा मरियम के पति कैप्टन (अवकाश प्राप्त) सफदर को भी एक साल की सजा हुई है।
वर्ष 2016 में पनामा पेपर मामले में नाम आने के बाद शरीफ को जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जांच के बाद पिता-पुत्री पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाया गया था।