नई दिल्ली। टाटा के मौजूदा प्रबंधन को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCALT) की ओर से बड़ा झटका लगा है। एनसीएलएटी ने बुधवार को सायरस मिस्त्री को फिर से टाटा संस का चेयरमैन बनाए जाने का आदेश दिया है। इसके अलावा एनसीएलएटी ने एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया है।
बता दें कि सायरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाया गया था। रतन टाटा की रिटायरमेंट की घोषणा के बाद वह 2012 में टाटा सन्स के छठे चेयरमैन बने थे। इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया। इसके बाद मिस्त्री की ओर से सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प ने टाटा सन्स के फैसले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी।
याचिका में मिस्त्री को हटाने का फैसला कंपनीज एक्ट के नियमों के अनुसार नहीं था। जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने उनके दावे को खारिज कर दिया। इसके बाद मिस्त्री ने खुद NCLAT में संपर्क किया।