नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा वर्दीधारी युवा संगठन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) रविवार को अपना 72वां स्थापना दिवस मनाएगी ।
स्थापना दिवस से एक दिन पहले आज रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार और एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चोपड़ा ने राष्ट्र सेवा में अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को समूचे एनसीसी समुदाय की ओर से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
रक्षा सचिव ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स ने कोविड-19 महामारी के दौरान निःस्वार्थ रूप से, इस महामारी से लड़ने के उपायों के बारे में जागरुकता फैलाते हुए कोरोना योद्धाओं के रूप में अप्रतिम योगदान दिया। कैडेट और एसोसिएट एनसीसी अधिकारी एक उदाहरण के रूप में एक भारत श्रेष्ठ भारत, आत्मनिर्भर भारत और फिट इंडिया जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। कैडेटों ने स्वच्छ अभियान, मेगा प्रदूषण पखवाड़ा में पूरे मनोयोग से भाग लिया और डिजिटल साक्षरता, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, वृक्षारोपण और टीकाकरण कार्यक्रमों आदि जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को देश के सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय कैडेट कोर के विस्तार के लिए एक योजना की घोषणा की थी। सीमावर्ती जिलों, तटीय तालुकों और तालुका आवास वायु सेना स्टेशनों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों में एक लाख अतिरिक्त कैडेटों के विस्तार की योजना बनाई गई है।
रक्षा सचिव ने शहीद एनसीसी कैडेटों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों और तटीय जिलों में एनसीसी का विस्तार इन क्षेत्रों के युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा। राष्ट्र हमारे युवाओं में भ्रातृत्व, अनुशासन, राष्ट्रीय एकता और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को विकसित करने के लिए एनसीसी से आशान्वितहै।
एनसीसी की बहुमुखी गतिविधियां और विविध पाठ्यक्रम, युवाओं को आत्म-विकास के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं। कई कैडेटों ने खेल और रोमांच के क्षेत्र में अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों से राष्ट्र और संगठन को गौरवान्वित किया है। एनसीसी युवाओं को कल के जिम्मेदार नागरिक के रूप में ढालने की दिशा में अपने अथक प्रयास जारी रखे हुए है।
एनसीसी स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे देश में कैडेट रक्तदान शिविर और सामाजिक विकास कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।