नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर लगाम लगाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ढाई रुपए प्रति लीटर की कटौती की घोषणा किए जाने बाद भाजपा शासित महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड तथा कई अन्य राज्य सरकारों ने दामों में इतनी ही कमी किए जाने का फैसला किया है जिससे दोनों ईंधन के दाम पांच रुपए प्रति लीटर तक कम हो जाएंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर डेढ़ रुपए उत्पाद शुल्क कम करने का फैसला लिया है। इसके अलावा तेल कंपनियां भी एक रुपए प्रति लीटर दाम घटाएंगी जिससे उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 2.50 रुपए की राहत मिलेगी। जेटली ने राज्य सरकारों से भी दाम घटाने की अपील की जिसके बाद भाजपा शासित कई राज्यों ने तुरंत दोनों ईंधनों की कीमतें घटाने का ऐलान किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने ट्वीटर पर लिखा कि राज्य सरकार ने पेट्रोल के दाम में केंद्र सरकार के अलावा ढाई रुपए और राहत देने का फैसला किया है। इससे राज्य में पेट्रोल के दाम में पांच रुपए प्रति लीटर की कमी आएगी। वाणिज्यिक नगरी मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल की कीमत 91.34 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई थी।
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने पेट्रोल व डीजल के दामों में ढाई रुपए प्रति लीटर कटौती करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि राज्य सरकार ने भी डीजल के दाम में ढाई रुपए प्रति लीटर की कमी करने का निर्णय किया है। इससे राज्य में डीजल के दाम पांच रुपए प्रति लीटर कम हो जाएंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने दोनों ईंधन के दाम घटाने के केंद्र के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी पेट्रोल और डीजल पर ढाई-ढाई रुपए प्रति लीटर की कमी कर रही है। इससे राज्य में दोनों ईंधन पांच-पांच रुपए प्रति लीटर सस्ते हो जाएंगे। इसके अलावा कई अन्य भाजपा शासित राज्य सरकारों ने भी दोनों ईंधनों के दाम घटाने की घोषणा की है।
जेटली ने कहा कि कल लंदन के ब्रेंट क्रूड का वायदा 86 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया था और अमरीका में ब्याज दर भी बढ़कर 3.2 प्रतिशत हो गया है, जो सात साल का उच्चतम स्तर है। इससे वैश्विक बाजार और विनिमय दर पर असर पड़ा है। इन सबका प्रभाव यह हुआ कि अमरीका में फिर से डॉलर का निवेश बढ़ गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें वित्तीय घाटा पर असर डाले बिना स्थिति के अनुसार प्रतिक्रिया और राहत देनी होगी। उन्होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियों को विदेशी बाजार से तेल बांड के जरिये 10 अरब डॉलर जुटाने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उधारी जुटाने में 70 हजार करोड़ रुपए की कमी करते हुए तेल विपणन कंपनियों को यह अनुमति दी है। इसके साथ ही सरकार ने आयात कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके साथ मसाला बांड के जरिये राशि जुटाने की प्रक्रिया को लचीला बनाया गया है। इन सब वृहद आर्थिक कारकों से अर्थव्यवस्था में अस्थायीत्व देखने को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने राज्यों से कर में कटौती के लिए कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इसके लिए सीधे राज्यों से नहीं कहा जा सकता है लेकिन इसको लेकर वह राज्यों को पत्र लिखेंगे।