बेंगलुरु। कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक नीलमणि राजू ने आज कहा कि विधानसभा की 223 सीटों पर निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद कर 1.4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है और शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
राजू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य में सुरक्षा की दृष्टि से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अन्य बलों के जवानों तथा अधिकारियों को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। इसके लिए कई अन्य राज्यों से भी पुलिस बलों को मंगाया गया है और बड़ी संख्या में एसएसबी तथा आईटीबीपी तथा अन्य अर्द्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती की गई है।
राज्य की 15वीं विधानसभा चुनाव के लिए 58302 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिनमें से 12000 संवेदनशील और 21 हजार 464 केंद्रों को कम संवेदनशील मानते हुए मतदान केंद्रों के बाहर अद्धैसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया हैं।
राज्य की सीमाओं पर चौकसी कड़ी की गयी है। शरारती तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही है और कई शरारती तत्वों को सुरक्षात्मक उपाय के तहत हिरासत में लिया जा चुका है और आज भी पुलिस विभिन्न क्षेत्रों में इस तरह की कार्रवाई कर सकती है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े उपाय किए गए हैं और इसके लिए राज्य के पुलिस बलों के साथ ही केंद्र तथा दिल्ली, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों से बुलाए गए पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की 549 कंपनियां तैनात की गई हैं और कुछ अन्य कंपनियां उनके लिए निर्धारित तैनाती के स्थानों पर आज पहुंच रही हैं। शाम तक उनकी भी निर्धारित स्थानों पर तैनात हो जाएगी। होम गार्ड, कर्नाटक औद्योगिक सुरक्षा बल, इंडो तिब्बत सीमा बल (आईटीवीपी) केंद्रीय सुरक्षा बल, रैपिड एक्शन फोर्स तथा सीमा सुरक्षा बल के जवान तैनात किए गए हैं।
सुश्री राजू ने बताया कि कर्नाटक पुलिस ने इस साल 17 जनवरी से ही चुनाव की तैयारियों का काम शुरू कर दिया था। चुनाव आयोग ने 26 मार्च को चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की थी और उसके बाद से ही जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग राज्य की सुरक्षा व्यवस्था से संतुष्टि जतायी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) कमल पंत कर्नाटक तथा अन्य राज्यों से आए सुरक्षा बलों की तैनाती कास काम देख रहे हैं जबकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (केएसआरपी) संदीप पाटिल केंद्रीय बलों की तैनाती का दायित्व निभा रहे हैं।
पंत ने बताया कि राज्य की सभी सीमाओं पर चेकपोस्ट पर सतर्कता बरती जा रही है और शरारती तत्वों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। इसके साथ ही वाहनों की आवाजाही पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है और उनकी सघन जांच की जा रही है। उन्होंने राज्य में मंगलूर, मांड्या, बंगलोर ग्रामीण तथा हुबली को संवेदनशील करार दिया गया है और वहां त्वरित बल के जवानों को तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य की 15वीं विधानसभा चुनाव के लिए पांच जिलों में 12000 केंद्रों को अत्यंत संवेदनशील माना गया है और 21 हजार 464 केंद्रों को संवेदनशील मानते हुए वहां अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं और उन्हें विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उनकी सहायता के लिए इन केंद्रों पर राज्य पुलिस बल के जवानों की भी तैनाती की गई है।
राज्य में मतदाताओं की मदद के लिए भी त्वरित बलों की तैनाती की गई है। राज्य के आदिवासी इलाकों में जंगली जानवरों का डर है और इन क्षेत्रों के मतदाताओं को मतदान केंद्र तथा घर वापस पहुंचने में हाथी जैसे जंगली जानवरों से दिक्कत नहीं हो, इसके लिए त्वरित बल के जवान उनकी मदद करेंगे। इन क्षेत्रों में हाथियों के गुजरने वाले स्थानों की पहचान की गई है और मतदाताओं की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं।