नई दिल्ली। किसान आंदोलन के चलते देश और दुनिया में सरकार की आलोचना करने वालों को आडे हाथों लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि लोगों को गुमराह करने वाली ताकतों को पहचानने तथा इनसे बचने की जरूरत है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवी जैसे शब्द तो सबने सुने होंगे लेकिन अब एक नई जमात और एक नई बिरादरी सामने आई है और वह है ‘आंदोलनजीवी’।
उन्होंने कहा कि ये लोग हर आंदोलन में नजर आएंगे चाहे वह वकीलों, छात्रों या किसी अन्य का आंदोलन हो। उन्होंने कहा कि ये हर आंदोलन में घुस जाते हैं कहीं आगे से तो कहीं पीछे से और यह पूरी टोली है। उन्होंने कहा कि ये लोग आंदोलन के बिना नहीं जी सकते इन्हें पहचानने तथा इनसे बचने की जरूरत है। देश आंदोलनजीवी लोगों से बचें।
प्रधानमंत्री ने इन लोगों को परजीवी की संज्ञा देते हुए कहा कि ये परजीवी हर राज्य में होते हैं और वहां की सरकारों को भी विभिन्न आंदोलनों के समय इनसे दो-चार होना पड़ता है।
हाल ही में कुछ विदेशियों द्वारा किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर की गई टिप्पणियों का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसका करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वैसे तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से देश में विकास होता है लेकिन अभी देश को एक नए तरह के एफडीआई से दो-चार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह एफडीआई ‘फोरन डिस्ट्रक्टीव आइडियोलॉजी’ है और देश को इससे बचना है। इसके लिए सभी को जागरूक रहने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि कृषि सुधारों को लेकर बनाए गए कानूनों के विरोध में देश के किसान और कुछ संगठन लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन की आड में कुछ निहित स्वार्थी तत्व भी अपना एजेंडा चला रहे हैं और वे किसान आंदोलन के बहाने सरकार पर हमला कर रहे हैं। कुछ विदेशियों ने भी किसानों के समर्थन में टिप्पणी की हैं।