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आज मजबूर नहीं मजबूत प्रधानमंत्री है : मुख्तार अब्बास नकवी - Sabguru News
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आज मजबूर नहीं मजबूत प्रधानमंत्री है : मुख्तार अब्बास नकवी

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आज मजबूर नहीं मजबूत प्रधानमंत्री है : मुख्तार अब्बास नकवी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य एवं केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पिछले आठ वर्ष में देश में हुए बदलावों का हवाला देते हुए गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि देश में मजबूर नहीं मजबूत प्रधानमंत्री है।

नकवी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश ने सात दशकों में बहुत से ऐसे मौके और लम्हें देखे हैं जो सफलता और सफर के थे लेकिन 2014 के बाद इन आठ वर्षाें में जो बदलाव हुए हैं, उस पर ध्यान आकर्षित कर रहा हूं।

आज दो भारत सनातनी और सामंती भारत की बात होती है, लेकिन हमारा भारत एक भारत, श्रेष्ठ भारत है। हिन्दुस्तान को सोचने और समझने के लिए, इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा और कांग्रेस इज इंडिया और इंडिया इज कांग्रेस की सोच से बाहर निकलना होगा।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया में हिन्दुस्तान ने अपनी धाक जमाई है। इन आठ वर्ष में 28 ऐसे बदलाव हुए हैं, जो बहुत से साथियाें को ध्यान में होगा। वर्ष 2014 के बाद जो बदलाव इस देश ने महसूस किया, इससे सबसे बड़े लोकतंत्र में प्रधानमंत्री पद की गरिमा और सम्मान बहाल हुआ है। वर्ष 2014 से पहले प्रधानमंत्री को कहीं एक स्थान से ऑर्डर मिलता था। मंत्रिमंडल और सरकार के निर्णय को फाड़ दिया जाता था लेकिन आज प्रधानमंत्री मजबूर नहीं मजबूत है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हर दिन काेई न कोई घोटाला सुनाई देता था। दिल्ली में सत्ता के गलियारे से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लाइजिनिंग होती है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में इस पर रोक लग गई है। उन्होंने कहा कि पहले देश में कमीशन और भ्रष्टाचार के साथ ही तुष्टीकरण की राजनीति होती थी, जिस पर अब रोक लग गई है।

आज इस देश में सियासत परिश्रम के बल पर मिल रही है जबकि वर्ष 2014 से पहले परिवारों की राजनीतिक परिक्रमा होती थी। मोदी सरकार ने लालबत्ती संस्कृति को समाप्त किया है। पहले इसका उपयोग धौंस जमाने के लिए किया जाता था, जिसको समाप्त कर दिया गया है।

नकवी ने कहा कि इस देश के संसाधनों पर पहले एक संप्रदाय का अधिकार हुआ करता था, लेकिन प्रधानमंत्री ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब देश के संसाधनों पर अंतिम छाेर के व्यक्ति का पहला अधिकार है। कोटा परमिट राज को समाप्त किया गया है। अब गरीबों को डीबीटी के जरिये प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण हो रहा है।

हमारे देश में कानून बनाते रहते थे और एक विषय पर दस से अधिक कानून बना दिया जाता था लेकिन उनके संसद से पारित होने के बाद भी क्रियान्वित नहीं किया जाता था। इस तरह के 1500 अप्रभावी कानूनों को मोदी सरकार ने निरस्त किया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले दंगों का हफ्ता और आतंकवादी धमाकों का महीना होता था, जिस पर पूरी तरह से रोक लगी है। भागलपुर से भिवंडी तक और गुवाहाटी से वाराणसी तक बम धमाकों की आवाज सुनाई देती थी। कभी दिल्ली में तो कभी मुंबई में, गुवाहाटी में तो हैदराबाद में धमाके होते थे।

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद जो बड़ा बदलाव हुआ, वह है सुरक्षा। सुरक्षा बलों ने सर्जिकल स्ट्राइक की। बिल से निकाल-निकाल कर मारे। उस समय भी सवाल और सबूत मांगे गए थे। यहां सदन में भी सबूत मांगे गए थे।

उन्होंने कहा कि आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं तो यह देश उन परिवारों का ऋणी है जो अपने परिवार को कुर्बान किया लेकिन दिक्कत तब आई जब देश की इस कुर्बानी को भी एक परिवार के पाले में समटे दिया गया। महानायकों ने जो कुर्बानी दी उसे भुला दिया गया, लेकिन 2014 के बाद जो पहले थे वे हैं लेकिन जिनकी कुर्बानी भुला दी गई थी, अब उन्हें भी सम्मान दिया जा रहा है। इसी के तहत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा इंडिया गेट पर लगाई जा रही है। सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा लगाई गई है और महू में बाबा साहेब का स्मारक बनाया गया है।

केन्द्रीय मंत्री ने कल लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थान, चुनाव आयोग और न्यायपालिका के बंधक होने के आरोप लगाए गए हैं जबकि पहले की कांग्रेस सरकारों में उच्चतम न्यायालय के निर्णयों को निष्प्रभावी करने के लिए संख्या बल का प्रयोग किया जाता था।

तीन तलाक एक कुरीति है। इसको समाप्त करने के लिए काननू बनाने के वास्ते उच्चतम न्यायालय ने कहा था लेकिन इसको निष्प्रभावी करने के लिए इसी संसद में कानून बनाया गया जबकि यह महिलाओं को समानता का अधिकार देने की बात थी। मोदी ने इसको प्रभावी करने के लिए कानून बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने उच्चतम और उच्च न्यायालयों के 312 ऐसे निर्णयों को निष्प्रभावी बनाया।

नकवी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि देश ने जो बदलाव देखा है, वह है कश्मीर। कश्मीर हमारे देश का ताज है। अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया। यह परिवर्तन मोदी के कार्यकाल में आया। अब किसी काननू पर यह नहीं लिखना पड़ता कि यह काननू जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा।

नागरिकता संशोधन कानून ( सीएए) को लेकर भ्रम और भय का माहौल बनाया गया जबकि इंदिरा गांधी के समय यह निर्णय हुआ था कि जो अल्पसंख्यक पाकिस्तान या बांग्लादेश में हैं, उनकी संरक्षा भारत करेगा। अफगानिस्तान में तालिबानियों का जुर्म चल रहा था, तब वहां के तमाम हिन्दू, मुस्लिम और अन्य भाइयों को भारत लाया गया।

उन्होंने कहा कि देश अभी संकट और कंकट काल से गुजर रहा है। किसी भविष्यवक्ता ने यह नहीं कहा था। बहुत बड़ी आपदा आई। सौ वर्ष पहले जो स्पैनिश फ्लू आया तो उस समय देश की आबादी बांग्लादेश और पाकिस्तान सहित 30 करोड़ थी। दो करोड़ से अधिक मौत हुई थी।

आज 140 से 150 करोड़ की आबादी है जिस समय यह संकट आया किसी देश के पास सेहत सलामती के संसाधन नहीं थे। विशेष व्यवस्था करके विदेशों से भारतीयों को यहां लाकर रुकने की व्यवस्था की गई। सौ वर्ष पहले की महामारी में मरे दो करोड़ में से 80 प्रतिशत दवा के अभाव और भुखमरी से मरे। इस संकट काल में 80 करोड़ लोगों के लिए मोदी ने विशेष व्यवस्था की, जो बहुत बड़ा बदलाव है।