चेन्नई। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के क्रोमपेट इलाके में राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में दो बार असफल रहने पर छात्र ने खुदकशी करने और उसके सदमे में बाद में पिता के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है।
पुलिस ने आज यहां बताया कि दो बार नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहने पर एस जगदीश्वरन (19) ने रविवार को अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपने बेटे को पंखे की छत से लटका हुआ देख उसके पिता सेल्वसेकर ने बेटे की मौत के लिए एनईईटी परीक्षा को दोषी ठहराते हुए सोमवार की सुबह अपने आवास में फांसी लगा ली।
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घटना पर दुख जताते हुए नीट उम्मीदवारों से इस तरह के अतिवादी कदम न उठाने की भावनात्मक और भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि 2024 में होने लोकसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि कुछ महीनों में एक राजनीतिक परिवर्तन के बाद नीट में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवार के सदस्यों, उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को सांत्वना देने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। जगदीश्वरन का नीट के कारण होने वाली मौतों की सूची में शामिल होना एक नृशंस घटना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नीट से संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए सभी कानूनी कदम उठा रही है। तमिलनाडु को नीट में छूट देने की मांग करने वाला विधेयक राज्य विधानसभा में दो बार पारित किया गया था और राज्यपाल आरएन रवि को उनकी सहमति के लिए भेजा गया था। उन्होंने कहा कि कई दबावों के कारण विधेयक राज्य सरकार को वापस लौटा दिया गया था लेकिन विधानसभा में दूसरी बार एक और विधेयक पारित किया गया था और राज्यपाल को इसके लिए अपनी सहमति देनी होगी।
स्टालिन ने कहा कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि केवल संपन्न वर्ग के लोग ही लाखों पैसे खर्च करके निजी कोचिंग सेंटरों से जुड़कर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।