Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
नेपाल के पीएम ओली की भारत विरोधी नीतियों पर अब अपनी सत्ता बचाने की चुनौती - Sabguru News
होम World Asia News नेपाल के पीएम ओली की भारत विरोधी नीतियों पर अब अपनी सत्ता बचाने की चुनौती

नेपाल के पीएम ओली की भारत विरोधी नीतियों पर अब अपनी सत्ता बचाने की चुनौती

0
नेपाल के पीएम ओली की भारत विरोधी नीतियों पर अब अपनी सत्ता बचाने की चुनौती
Nepal Prime Minister oli politics against to India
Nepal Prime Minister oli politics against to India
Nepal Prime Minister oli politics against to India

सबगुरु न्यूज। न खुदा मिला न बिसाले सनम। इसका शाब्दिक अर्थ है, न इधर के रहे न उधर के। यह लाइनें इन दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री की केपी शर्मा ओली पर फिट बैठ रही हैं। चीन के अंधभक्त बने नेपाल के पीएम ओली लगातार भारत विरोधी बयान देते आ रहे थे। भारत के साथ सीमा पार सड़क विवाद को इतना तूल दे दिया दोनों देशों के रिश्ते में दरार तक आ पहुंची। यही नहीं पिछले दिनों ओली ने नैतिकता की पूरी सीमा पार कर दी। उन्होंने भारत सरकार पर अपनी सरकार गिराने का षडयंत्र तक बता डाला। कई दिनों से नेपाल की जनता और अन्य राजनीतिक दल प्रधानमंत्री के पी शर्मा के भारत विरोधी बयानों को सुनती आ रही थी।

उसके बाद ओली के अपनी जमीन चीन को सरेंडर किए जाने पर नेपाल में भारी विरोध प्रदर्शन ऐसा शुरू हुआ कि वह अभी तक जारी है। प्रधानमंत्री ओली की नीतियों से उन्हीं के पार्टियों में शुरू हुआ विरोध आम जनता और विपक्षी नेताओं तक पहुंच गया। अब हालात यह हैं कि ओली अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाना भी भारी पड़ रहा है। आज ओली अपने राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं, हो सकता है कि वह बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं ? भारत विरोधी टिप्पणी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने उनके इस्तीफे की मांग की। प्रचंड का कहना है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी।

नेपाल में ओली के इस्तीफे देने की अटकलें कई दिनों से चल रही हैं

नेपाल में केपी शर्मा ओली प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग कई दिनों से तेज होती जा रही है। भारत के खिलाफ बयानबाजी को लेकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है। इस बीच उन्होंने राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी से शीतल निवास पर मुलाकात की है। इसको देखते हुए ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की अटकलें भी शुरू हो गई हैं। विरोध को देखते हुए नेपाल सरकार ने संसद के बजट सत्र को रद कर दिया गया है। दूसरी तरफ कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में केपी शर्मा ओली शामिल नहीं हुए।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पा कमल दहल प्रचंड के बीच बढ़ते जा रहे विवाद पर अब ओली को सत्ता गंवानी पड़ सकती है।‌ आपको बता दें कि नए कार्यकाल में नेपाल की दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों ने एक साथ आकर सरकार बनाई थी और कार्यकाल दर कार्यकाल पीएम पद पर बात बनी थी। लेकिन, अब जब हालात बिगड़ रहे हैं तो ओली का विरोध शुरू हो गया है।‌ प्रचंड ने भी कहा कि भारत पर आरोप लगाने से पहले प्रधानमंत्री ओली को सोचना चाहिए।‌

नेपाल के पीएम ओली को भारत के साथ बेवजह उलझना भारी पड़ गया

भारत और नेपाल के रिश्ते हजारों वर्ष पुराने हैं।‌ नेपाल के लगभग 50 लाख लोग भारत में आकर नौकरी, व्यापार और काम से जुड़े हुए हैं।‌ यही नहीं भारत और नेपाल नेपाल के बीच रोटी-बेटी के रिश्ते कहे जाते हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में ओली के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने भारत के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाया हुआ था और नया नक्शा जारी कर नेपाल ने सभी संबंधों को भुलाकर भारत के साथ सीमा विवाद को शुरू कर दिया। हालांकि इस बीच नेपाल सरकार के सर्वे में सामने आया था कि चीन ने तिब्बत से लगी हुई नेपाल की सीमा पर कई हेक्टेयर जमीन पर कब्जा कर लिया।

इसके बाद से ही ओली पर देश के अंदर और पार्टी के अंदर दबाव बन रहा था। इस मामले में जब ओली अपने देश में ही घिर गए तब उन्होंने इस हालात का ठीकरा भारत पर फोड़ने की कोशिश करते हुए आरोप लगाया था कि भारत उनको सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहा है। ओली की भारत विरोधी मानसिकता पर नेपाली नागरिकों और उन्हीं के सरकार में विरोध इस कदर बढ़ गया है कि अब उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी भी बचाना भारी पड़ रहा है।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार