नई दिल्ली/काठमांडू। नेपाल की संसद के निचले सदन ने देश के नए नक्शे को लेकर पेश किए गए संशोधन विधेयक को शनिवार को मंजूरी दे दी। नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है।
वोटिंग के दौरान संसद में विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी- नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन किया।
नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत देश के विपक्षी दलों ने विधेयक के समर्थन में वोट दिया। स्पीकर अग्नि सपकोटा ने मतदान के लिए सदन में मौजूद सांसदों के दो तिहाई से अधिक बहुमत से विधेयक को मंजूरी दिए जाने की घोषणा की। अब इस विधेयक को राष्ट्रीय संसद से समर्थन और राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है।
इससे पहले नेपाल मंत्रिमंडल ने गत 20 मई को एक नया प्रशासनिक नक्शा जारी किया था जिसमें तीन भारतीय क्षेत्रों को शामिल किया गया था।
नेपाल के नए मानचित्र की मंजूरी से भारत नाखश
भारत ने नेपाल की संसद द्वारा उत्तराखंड के लिपुलेख, कालापानी एवं धारचुला को नेपाल का हिस्सा प्रदर्शित करने वाले देश के नए मानचित्र को मंजूरी दिए जाने पर आज नाखुशी जताई और कहा कि नेपाल का तथ्यहीन और अप्रमाणिक दावा टिक नहीं सकता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने देखा है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नेपाल के मानचित्र में बदलाव के लिए आज एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया है जिसमें भारत के हिस्से को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस बारे में अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।
श्रीवास्तव ने कहा कि नेपाल के ये कृत्रिम दावे ऐतिहासिक तथ्यों एवं प्रमाण पर आधारित नहीं है और इसलिए उसके दावे टिक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह सीमा मसले को सुलझाने के लिए बातचीत के वास्ते दोनों देशों के बीच वर्तमान में कायम समझ का भी उल्लंघन है।