मुंबई। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक समुदाय के मंत्री नवाब मलिक, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपए की रंगदारी के मामले की जांच कर रहे चांदीवाल आयोग के समक्ष गुरुवार को पेश हुए।
मलिक संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की शिकायत के आधार पर आयोग ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए आयोग के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन जारी किया था। मलिक ने प्रश्न किया कि पूछा कि वाजे की शिकायत के आधार पर पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
मुंबई पुलिस अधिकारी वाजे के लिखित बयान और एक समाचार लेख के साथ बयान प्रस्तुत किया, जिसमें कथित तौर पर मलिक को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि परम बीर सिंह और वाजे ‘एंटीलिया’ बम के पीछे थे। आयोग ने इसे खारिज करने के बाद मलिक को तलब किया। वाजे ने आयोग को बताया कि इस तरह के बयान से उनकी छवि खराब हुई।
पिछले साल फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक कार खड़ी मिली थी तब परम बीर सिंह मुंबई पुलिस के आयुक्त थे। सिंह पर जबरन वसूली और सेवा से निलंबित करने सहित कई मामलों में मामला दर्ज किया गया है। ‘एंटीलिया’ मामले में गिरफ्तारी और उसके बाद विस्फोटकों से लदी कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन की कथित हत्या के बाद वाजे न्यायिक हिरासत में हैं।