इसलामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह आतंकवादी विचारधारा को कभी भी देश पर हावी नहीं होने देंगे।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक खान ने सेना पब्लिक स्कूल में हुए नरसंहार की पांचवीं बरसी पर जारी अपने संदेश में कहा कि आतंकवादियों को उनके ‘दुराग्रही विचारों’ के साथ कभी भी देश को बंधक बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होंने नरसंहार मेंं शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि निर्दाेष लोगों के रक्त ने सभी प्रकार के आतंकवाद, उग्रवाद, हिंसा और नफरत के खिलाफ लोगों को एकजुट कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सशस्त्र बलाें, पुलिस एवं अन्य कानून प्रर्वतन एजेंसियों के जवानों की भी सराहना की।
इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि एपीएस नरसंहार को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर बाजवा के हवाले से कहा,“एपीएस हमले में शामिल पांच आतंकवादियों को सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनायी।”
बाजवा ने नरसंहार के मृतकों एवं उनके परिजनों को सलामी देते हुए उनके प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा,“एकजुटता से ही हम पाकिस्तान को शांति एवं समृद्धि के रास्ते पर ले जा सकते हैं।”
राष्ट्रपति आरिफ अली ने अपने संदेश में कहा,“एपीएस के छोटे एवं मासूम बच्चों एवं शिक्षकों के नरसंहार को देश कभी नहीं भूल सकता।” उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद को जड़ से खत्म करने की देश की प्रतिज्ञा को भी दोहराया।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2014 को आतंकवादियों ने सेना की ओर से संचालित एपीएस में हमलाकर 130 युवा छात्रों समेत 150 लोगों को मार डाला था। इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था और सरकार को आतंकवाद एवं उग्रवाद के खिलाफ राष्ट्रीय कार्य योजना बनाने तथा ‘खूंखार’ आतंकवादियों के मामलों की सुनवाई के लिए सैन्य अदालतों के गठन के वास्ते मजबूर कर दिया था।