जबलपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस के बहुचर्चित कांड में नाम आने के बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर के शासकीय मेडिकल अस्पताल में पदस्थ महिला डाॅक्टर राजकुमारी बंसल ने आज कहा कि वह मानवता तथा महिला होने के कारण पीडित परिवार से मिलने गयीं थीं।
शासकीय मेडिकल काॅलेज के फाॅरेसिंग विभाग में पदस्थ डॉ बंसल ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि वह मेडिकल काॅलेज में प्रोफेसर है और उनका नक्सलियों से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने इस बाद से भी इंकार किया कि वह जातिगत हिंसा भडकाने के लिए नहीं गई थीं। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर वह दुखी थी, जिसके चलते छुटटी लेकर 4 सितम्बर की सुबह पीडित परिवार से मिलने हाथरस पहुंची थी।
डॉ बंसल ने कहा कि पीडित परिजनों के आग्रह पर वह दो दिनों तक रूकने के बाद वापस लौट आई थी। इस दौरान भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रषेखर रावण आए थे और पहली बार उनसे मुलाकात हुई थी। उन्होंने बताया कि दौरान जब भी मीडिया से बात हुई तो उन्होंने अपनी पहचान कभी नहीं छुपाई। मीडिया को उन्होंने बताया कि पीडित परिवार की सदस्य नहीं हैं।
हाथरस में दंगे भडकाने की साजिश रचने के जांच करने वाली एसआईटी टीम के दायरे में आने तथा मीडिया में चल रही नक्सलियों के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा वह डाॅक्टर है और दो विषय में पीजी कोर्स करने के बाद एमडी का कोर्स किया है।
वह मानवता के खातिर पीडित परिवार से मिलने तथा उनकी आर्थिक मदद करने गई थी। उन्होंने कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे है, पूरी तरह से गलत और निराधार है। इस तरह के आरोप लगाने वालों के खिलाफ वह विधि अनुसार शिकायत करेंगे।