नयी दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीतिक छुआछूत पर अफसोस व्यक्त करते हुए आज कहा कि इसे समाप्त करने के लिए देश में नयी राजनीतिक संस्कृति बनानी चाहिए अौर सभी के याेगदान को रेखांकित किया जाना चाहिए।
मोदी ने संसद भवन परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जीवन पर अाधारित पुस्तक ‘चंद्रशेखर: द लास्ट आइकॉन आइडियोलॉजिकल पोलिस्टिक’ का विमोचन करने बाद एक समाराेह को संबाेधित करते हुए यह टिप्पणी की। पुस्तक के पहली प्रति प्रधानमंत्री ने उप राष्ट्रपति एम. वेेकैया नायडु को भेंट की। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पुस्तक के लेखक और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद तथा कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी मौजूद थे। आस्ट्रेलिया में शोध कर रहे रवि दत्त वाजपेयी इस पुस्तक के सह- लेखक हैं।
मोदी ने कहा कि देश में अजीब राजनीतिक छुआछूत की संस्कृति रही है। इसका असर डॉ भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, इंद्र कुमार गुजराल और एच डी देवेगौडा जैसे लोगों पर पडा हैं। उन्होेंने कहा कि देश में एक ‘जमात’ है जो सामान्य वर्ग से आने वाले नेताओं के बारे दुष्प्रचार करती हैं।
मोदी ने कहा कि यह ‘जमात’ पूर्व प्रधानमंत्रियों और अन्य नेताओं के बारे में एक माहौल बनाती है। यह जानबूझकर और एक रणनीति के तहत किया जाता है। किसी के बारे पीने के संबंध में बात की जाती है तो किसी के बारे कहा जाता है कि वह बैठक में सोता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियाें ने देश के विकास में योगदान दिया है। इसको याद रखा जाना चाहिए। उन्होेंने कहा, “मैंने ठान लिया है कि दिल्ली में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के याेगदान और उनके जीवन को दर्शाने वाला एक बड़ा संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। इसमें आम जनता को देश के निर्माण में इन प्रधानमंत्रियों के बारे में पता चल सकेगा।” उन्होने पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिजनों, मित्रों आैर समर्थकों से उनके संबंध में जानकारियां, वस्तुएं और संस्मरण देने का आग्रह किया।