( विजयदशमी और वायुसेना दिवस पर भारत के लिए रहा एतिहासिक दिन) आज हमारे देश में दशहरा, विजयादशमी पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया । दूसरी ओर आज ही वायुसेना दिवस के अवसर पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस की यात्रा पर थे । राजनाथ सिंह की ये फ्रांस यात्रा कोई साधारण नहीं थी बल्कि वह एक ऐसे विमान को लेने गए थे जो कुछ महीने पहले देश में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में चर्चित रहा था । जी हां हम बात कर रहे हैं राफेल विमान की । मंगलवार को फ्रांस ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पहला राफेल विमान सौप दिया । राजनाथ सिंह ने दशहरा होने पर राफेल विमान की ‘ओम’ लिखकर शस्त्र पूजा की ।
बाद में उन्होंने लगभग 30 मिनट इस विमान से उड़ान भी भरी । राजनाथ सिंह ने कहा कि फरवरी 2021 तक हम 18 रफेल विमान प्राप्त कर लेंगे । और मई 2022 तक हमें सभी 36 विमान मिल जाएंगे । रक्षामंत्री ने कहा कि राफेल से हमारी वायुसेना की ताकत बढ़ेगी । यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि साल 2016 में भारत सरकार और फ्रांस की सरकार के बीच 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ था । राफेल की गिनती दुनिया के सबसे ताकतवर विमानों में की जाती है । ये हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल माइका से भी लैस है ।
इसके साथ ही इसमें क्रूज मिसाइल भी लगे हुए हैं । ये दुश्मन के सीमा में घुसकर वार कर सकता है । इसके अलावा राफेल में 1.3 एमएम की गन लगी है जो एक मिनट में 125 राउंड गोलियां फायर कर सकती हैं । राफेल विमान ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है । इसके पास एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जाने की क्षमता है । आपको बता दें कि पेरिस पहुंचने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह फ्रेंच मिलिटरी एयरक्राफ्ट में बैठकर मेरीनेक एयरबेस पहुंचे थे ।
राफेल डील को लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान मचा था भारी हंगामा
भारत सरकार ने वर्ष 2016 में फ्रांस सरकार से जब 36 राफेल विमान का सौदा किया था तब यह नहीं सोचा था कि इस विमान की डील भारी पड़ जाएगी । कांग्रेस विशेष तौर पर राहुल गांधी ने इन लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राफेल डील पर दलाली को लेकर जमकर निशाना साधा था ।
हालांकि राहुल गांधी के द्वारा नरेंद्र मोदी पर लगाए गए आरोपों का लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ था । आखिरकार बाद में राफेल विमान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा । सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को राफेल विमान की कीमत बताने के आदेश दिए थे । बाद में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में राफेल की कीमत भी बताई थी ।