अजमेर। महर्षि दयानन्द सरस्वती की उत्तराधिकारिणी परोपकारिणी सभा द्वारा संचालित ‘आर्ष गुरुकुल ऋषि उद्यान’ में नए ब्रह्मचारियों का वेदारम्भ संस्कार मंगलवार को किया गया। इसी के साथ गुरुकुल के नए सत्र का आरम्भ हुआ। अजमेर में पुष्कर मार्ग पर स्थित इस गुरुकुल में वेद-शास्त्रों का अध्ययन कराया जाता है।
वैदिक संस्कृति में वर्णित 16 संस्कारों में वेदारम्भ संस्कार प्रत्येक छात्र के लिए अनिवार्य होता है। इसी परम्परा के अनुसार गुरुकुल के ब्रह्मचारियों का भव्य संस्कार किया गया।
गुरुकुल के मुख्य आचार्य विद्यादेव इस संस्कार के ब्रह्मा रहे। आचार्य श्री ने सभी ब्रह्मचारियों को गायत्री मंत्र का उपदेश किया और ब्रह्मचारियों ने भी वेदादि शास्त्रों को पढ़ने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर परोपकारिणी सभा के कार्यकारी प्रधान डॉ. सुरेन्द्र कुमार (भूतपूर्व कुलपति – गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार), मंत्री ओममुनि, संयुक्त मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (पूर्व उप कुलसचिव मदस विश्वविद्यालय अजमेर), वैदिक विद्वान आचार्य विरजानंद दैवकरणि, डॉ. वेदप्रकाश विद्यार्थी (पूर्व सहनिदेशक केंद्रीय हिंदी निदेशालय), ज्योत्स्ना धर्मवीर, कन्हैयालाल, अजमेर से नगर आर्यसमाज के चांदराम आर्य, नवीन मिश्रा आदि शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सभी ने नवदीक्षित ब्रह्मचारियों को आशीर्वाद प्रदान किया।