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कोरोना से लड़ाई के बाद 'परिवर्तनों से भरा होगा नया समाज' - Sabguru News
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कोरोना से लड़ाई के बाद ‘परिवर्तनों से भरा होगा नया समाज’

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कोरोना से लड़ाई के बाद ‘परिवर्तनों से भरा होगा नया समाज’

सबगुरु न्यूज। आज विश्व कोरोना वायरस से लड़ाई में जूझ रहा है। यह महामारी जितनी तबाही मचा रही है उतना ही सामाजिक परिवर्तन भी कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब समूचे विश्व के सामने एक नया समाज जल्द ही सामने आएगा, नए समाज में अनेक परिवर्तनों के साथ तमाम बंदिशें भी होंगी। मनुष्य यह सामाजिक परिवर्तन स्वयं नहीं कर रहा है, बल्कि यह महामारी बदल कर रख देगी।

संसार भर से इस वायरस का प्रभाव जब खत्म होगा जब भी लोग वर्षों तक दहशत भरी जिंदगी जिएंगे, उनके जेहन में एक बार जरूर होगी कि न जाने कौन सा एक और खतरनाक वायरस फिर लौट आया और तबाही मचा कर रख दे। सही मायने में लोगों के बीच दूरियां भी बढ़ जाएंगी। देश-दुनिया में कई सामाजिक परिवर्तन तो अभी से देखने को मिलने लगे हैं। आइए जानते हैं जो आने वाले समय में बदलाव होने जा रहे हैं।

लोगों में अभी से बढ़ने लगी है ‘सोशल डिस्टेंसिंग’

कोरोना वायरस की महामारी के समय भारत में ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ शब्द काफी प्रचलित हो रहा है। इसका प्रयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय भी इसी शब्द का इस्तेमाल अपने दस्तावेजों और निर्देशों में कर रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग को परिभाषित करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि ‘ये संक्रामक बीमारियों को रोकने की एक अचिकित्सकीय विधि है जिसका मकसद संक्रमित और असंक्रमित लोगों के बीच संपर्क को रोकना या कम करना है ताकि बीमारी को फैलने से रोका जाए या संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सके।

सोशल डिस्टेंसिंग से बीमारी के फैलने और उससे होने वाली मौतों को रोकने में मदद मिलती है। इसका वर्तमान संदर्भ में अर्थ ये बताया जा रहा है कि लोगों को अनावश्यक एक दूसरे के संपर्क में या पास-पास नहीं रहना चाहिए, बिना काम के घर से नहीं निकलना चाहिए, हाथ मिलाने या गले मिलने से परहेज करना चाहिए। ताकि कोरोना वायरस फैल न सके। आपको बता दें कि हमारे देश में सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी वर्षों पुरानी रही है। लेकिन अब कोरोना वायरस के फैलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग से भरा समाज देखने को मिलेगा।

कर्मचारियों का काम करने का तरीका भी बदलेगा

कोरोना वायरस की वजह से आज दुनिया भर में लाखों करोड़ों कर्मचारियों का काम करने के तरीके में बदलाव अभी से दिखने लगा है। सभी कंपनियों के कर्मचारियों को वर्क फ्रॉर्म होम करने पर मजबूर कर दिया। आज लाखों-करोड़ों कर्मचारी अपने घर से काम कर रहे हैं। कंपनियों के मुताबिक, कर्मचारी घर से काम नहीं करते हैं हालांकि आज कंपनियों के इस सोच को महामारी ने बदल दी है। इन दिनों वे सभी कंपनियां घर से काम करने को तरजीह दे रही है जो कभी दफ्तर के अलावा अन्य तरीकों से काम करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।

हालांकि आज घर से भी कर्मचारी सुव्यस्थित ढंग से काम कर रहे हैं। पहले जिन सेक्टरों में वर्क फ्रॉम होम नहीं था उनमें भी अब इसके लिए दरवाजे खुल रहे हैं यानी अब सेल्स वाले भी घर से काम कर रहे हैं। वर्क फ्रॉर्म होम के दौरान जेंडर इक्वालिटी को बढ़ावा मिलेगा। वर्कप्लेस में महिलाओं और पुरुषों में काम और सैलरी के मामले में हमेशा भेदभाव देखा जाता रहा है। हालांकि वर्क फ्रॉर्म होम इस फासले को भी खत्म कर सकता है।

भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से लोग बचा करेंगे

कोरोना वायरस के फैलने के बाद से लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने और सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल से बच रहे हैं। खासतौर पर दिल्ली, मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में लोगों में यह चिंता ज्यादा दिखती है। विशेषज्ञों की मानें तो अब लोग भीड़भाड़ वाले जगहों पर जाने से बचना चाहेंगे। साथ ही क्लब, शादी जैसे समारोह जहां हजारों की संख्या में भीड़ पहुंचती है, वहां भी जाने से लोग बचेंगे। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद ज्यादातर लोग मॉल जाने से भी बचना चाहेंगे।

यहां तक कि सिनेमा घर जाकर मूवी देखने से ज्यादा ओटीटी प्लेटफार्म पर मूवी देखना पसंद करेंगे। कोरोना वायरस की लड़ाई के बाद अधिकांश लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से वर्षों तक डरेंगे। इसके साथ ही घर से बार-बार बाजार, मॉल जाने की आदत भी धीरे-धीरे समाज में कम देखने को मिलेगी। अगर लोगों का बाजार बार-बार जाना पड़ेगा तो चेहरे पर मास्क या रुमाल लगाकर निकलते हुए दिखाई देंगे, साथ ही घर पहुंचने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोने की आदत भी डालेंगे। बाजार हो मॉल हो या कोई पब्लिक प्लेस में लाखों लोग मास्क का प्रयोग करते हुए दिखाई देंगे।

खानपान-सफाई के प्रति लोग होंगे जागरूक

हमारे देश में कोरोना वायरस के संकट के बाद लोगों के घरेलू आदतों में कई बदलाव भी देखने को मिलेंगे। हालांकि मोदी सरकार ने देश भर में साफ-सफाई को लेकर लोगों को बहुत हद तक जागरूक कर दिया है। लेकिन अब इस महामारी के फैलने के बाद लोग और भी साफ सफाई के प्रति जागरूक नजर आएंगे। कोरोना ने साफ-सफाई और हाइजीन की अहमियत को साबित किया है। भारत में अभी तक हाइजीन के स्टैंडर्ड विकसित देशों जैसे नहीं हैं लेकिन, अब इनमें बदलाव आता दिख रहा है।

लोगों के खाने-पीने की आदतें भी इस वायरस के साथ बदलती दिख रही हैं। यहां हम आपको बता दें कि इस महामारी फैलने के बाद देश में अभी से लोगों में भारी जागरूकता दिखाई दे रही है। लोग अभी भी बाहर निकल समय मास्क या रुमाल लगाकर जा रहे हैं। अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानों के आगे एक से डेढ़ मीटर की दूरी भी बनाकर रखी हुई है जो आपको आज खरीदारी के समय नजर आती होगी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार