जयपुर। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जड़े देश में बहुत पुरानी रही है। सरकारी योजनाओं में आए दिन धोखाधड़ी के मामले उजागर होते रहते हैं। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी विभागों में होने वाले भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त रवैया अपनाया है। पीएम मोदी ने गुरुवार को को नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से सरकारी विभागों में धोखाधड़ी की जांच-पड़ताल के लिए नए तकनीकी तौर-तरीके विकसित करने की अपील की। पीएम ने साथ ही देश को 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सीएजी से अपनी भूमिका निभाने को कहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कैग को पेशे से जुड़ी धोखाधड़ी से निपटने के लिए नवीन तौर तरीकों पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने लेखा परीक्षक प्रशासन संचालन और क्षमता में सुधार लाने में योगदान करने के लिए बल दिया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार 2022 तक साक्ष्य समर्थित नीति बनाने की दिशा में बढ़ना चाहती है और कैग इसमें थिंकटैंक बनकर और आंकड़ों के व्यापक विश्लेषण पर ध्यान देकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी जड़ से समाप्त होना चाहिए। New technology will curb corruption and fraud in government departments
सभी विभागों के कर्मचारियों की कामकाज की होगी समीक्षा—
मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए सख़्ती के मूड में है। केंद्र सरकार ने कुछ माह पहले टैक्स डिपार्टमेंट के 25 से ज्यादा अधिकारियों को जब रिटायर कर दिया था। साथ ही बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है। कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा ‘पूरे नियम कायदे’ से करने के साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई में मनमानी न हो। इसमें कहा गया है, ‘सभी मंत्रालयों व विभागों से आग्रह है कि वे सार्वजनिक उपक्रमों/बैंकों और स्वायत्त संस्थानों समेत अपने प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले विभागों के कर्मचारियों के कामकाज की ‘कायदे कानून और सही भावना’ के अनुसार समीक्षा करें।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार