मथुरा। उत्तर के मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर तीन दिन पहले चलती कार में किए गए बलात्कार के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। पुलिस की जांच में जो तथ्य निकल कर सामने आए है, उनसे लगता है कि आरोपियों को साजिश के तहत इस मामले में फंसाया गया है। इस साजिश में लड़की के दोस्त और कुछ पुलिस कर्मियों के शामिल होने के संकेत खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दिए हैं।
इस मामले में साजिश रचने वाले सुरेन्द्र सिंह नामक नोएडा के व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अब तक की जांच में मामला रूपए के लेनदेन का निकल कर सामने आ रहा है। पीडित लड़की और जेल में बंद युवकों के डीएनए टैस्ट के सैम्पल लिए गए है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी में साजिश करने वाले सुरेन्द्र को मीडिया के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले का साजिशकर्ता सुरेन्द्र ने ही पूरा प्लान तैयार किया था। पीडित लड़की को यह अच्छी तरह जानता है और उसने ही लड़की की नोएडा में नौकरी भी लगवाई थी।
उन्होंने बताया कि मामला रूपयों के लेनदेन से जुड़ा है। सुरेन्द्र कुमार के सलमान पर दस लाख रूपए हैं । सलमान रूपयों को नहीं दे रहा था, तो सुरेन्द्र ने सलमान से कहा था कि अब वह दस की जगह तीस लाख रूपए वसूल करेगा। उसी के तहत उसने यह साजिश रची है।
चौधरी ने बताया कि उसकी इस साजिश में कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। लड़की के साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई है, दोनों आरोपी जेल में हैं। पुलिस ने लड़की और दोनों आरोपियों का डीएनए टैस्ट के लिए नमूना लिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही सही तथ्यों की जानकारी हो पाएगी।
गौरतलब है कि 14 अप्रैल की शाम कृष्णानगर क्षेत्र में एक युवती ने 100 नम्बर पर फोन कर सूचना दी गई थी कि नोएडा के दो युवकों ने उसे अगवाकर कर यमुना एक्सप्रेस-वे पर कार में बलात्कार किया है। सूचना मिलते ही इलाका पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों युवक नोएडा निवासी सलमान और राशिद को कार सहित पकड़ लिया था।
लड़की के इस मामले में बदलते बयानों ने घटना में नया मोड़ आ गया। उसने शुरूआत में अपने साथ छेडखानी होने, कपड़े फाड़कर बलात्कार की कोशिश करने का आरोप लगाया था लेकिन बाद में लड़की अपने बयान से पलट गई और कहा कि कार में उसके साथ गैंगरेप किया गया है।
पुलिस ने लड़की का मेडीकल कराया जहां बलात्कार की पुष्टि भी हुई। लड़की ने एक आरोपी द्वारा उसे लिफ्ट का आफर देने की बात की थी और बाद में दूसरे के शामिल होने एवं उसके साथ गैंगरेप होने का आरोप लगाया था, वहीं आरोपी दोनों युवकों ने बताया कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है, वह लड़की को पहले से जानते है, फोन अौर वॉट्सएप पर बातचीत करते थे, वहीं चैटिंग में उसको आगरा छोडने की बात कही गई थी।
पुलिस को लड़की पर संदेह उस वक्त हुआ जब उसने अपना पता मेरठ बताया फिर उसने दूसरे बयान में बड़ौत बागपत बताया। इसके अलावा कई बार उसके बयानों में विरोधाभ्यास नजर आया। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने खुद पूरे मामले की बारीकी से अपने स्तर पर पड़ताल कराई और लड़की से भी बात की तो उन्हें मामला संदिग्ध लगा।
जब पुलिस ने लड़की के मां-बाप व भाई को फोन करने की बात की तो उसने अपने नोएडा निवासी दोस्त का फोन नम्बर दे दिया। इस पर पुलिस का शक और पुख्ता हुआ। इस मामले में कुछ नई परतें खुल सकती हैं।