चंडीगढ़। पंजाब की सोलहवीं विधानसभा का पहला सत्र आज नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाए जाने के साथ शुरू हुआ। डाॅ निज्जर को बुधवार को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई थी।
डाॅ निज्जर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जिनमें कांग्रेस के 18 विधायक तथा आम आदमी पार्टी के 92 विधायक शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक किन्हीं व्यक्तिगत कारणों से आज विधानसभा नहीं आ सके तथा 22 मार्च को वे शपथ लेंगे।
सदन में आज उन बड़े-बड़े दिग्गजों की कमी खल रही थी जो राजनीति में लंबी पारी खेल चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, चरनजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, सुखबीर सिंह बादल के अलावा बिक्रम मजीठिया सहित कांग्रेस तथा अकाली दल के कई नेता इस बार सदन तक नहीं पहुंच सके। सदन बसंती रंग में रंगा हुआ दिखाई दे रहा था।
ज्यादातर आप विधायक बसंती पगड़ी पहने थे। करीब 80 विधायक पहली बार विधानसभा की दहलीज तक पहुंचे उनमें गजब सा उत्साह दिखाई दे रहा था। कांग्रेस के चार बार विधायक बने प्रताप सिंह बाजवा पूरी फार्म में दिखाई दिए। उनका कहना था कि पंजाब पर कर्ज का इतना बोझ है कि सरकार को पेंशन तथा वेतन निकालना ही मुश्किल है।
ऐसे में देखना यह है कि सरकार किस तरह वित्तीय संकट से प्रदेश को उबारने में कामयाब होती है। बड़ी-बड़ी बातें करना आसान है लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। सरकार के हर प्रदेश हित, जनहित के काम में उनकी पार्टी पूरा सहयोग करेगी और थोड़ा भी दांये- बांये सरकार चली तो वह विरोध करेंगे।
शपथ दिलाने के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिये स्थगित कर दी गई। सत्र 22 मार्च तक चलेगा। उधर, मुख्यमंत्री ने कार्यभार संभालते ही पूरी फार्म में नजर आए तथा आज उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि पंजाब के इतिहास में अब तक किसी ने ऐसा बड़ा फैसला नहीं लिया होगा जिसकी घोषणा आज होने जा रही है।