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Top 5 दोस्ती पर कविता | poem on friendship day - Sabguru News
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Top 5 दोस्ती पर कविता | poem on friendship day

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Top 5 दोस्ती पर कविता | poem on friendship day
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दोस्ती

1. उसकी बात से…
मुझे बहुत चोट पहुंची
मैंने आत्मरक्षा में मुट्ठीयां भींच ली
मेरा सारा वजूद मेरा स्वाभिमान था!
मगर फिर..
मैं उसके घर भी गया
मुट्ठी खोलकर  हाथ भी मिलाया
मेरा दोस्त ही तो मेरा अभिमान था!
2. दोस्ती का हाथ तो पहले जरूर बढ़ाता हूं
मगर हैसियत बढ़ाने में देर कर देता हूं।
उन्हें सामने देख मुस्करा तो देता हूं….
मगर कैफियत बताने में देर कर देता हूं!
3. कभी हमारी दोस्ती के बारे में शक हो..
तो अकेले में एक सिक्का उछालना…..
अगर हेड आया तो हम दोस्त
और ……
टेल आया तो तुम पलट ही दोगे ऐसा मेरा विश्वास है
मैं जानता हूँ
गर मेरी आंखों में अश्क़ हैं
तो उसके हाथ में रुमाल है
गर मैं कमज़ोर हूँ तो
उसके दिल में मेरा ख्याल है!
4. मैं कुछ भी ना कर सका आज भी यह मलाल है
ए दोस्त खुद से ज्यादा तेरा भरोसा है खुदा ये तेरा कमाल है!
5. अगर कोई दोस्त हमारे आगे हाथ फैलाता है
ऐसा जरूरी नहीं वह हमसे कुछ मांग रहा हो!
उसके दिल में उतरकर तो देखो, क्या मालूम…
सुदामा के सामने यह कृष्ण का स्वांग रहा हो!
By : व्रजेश चौहान