परीक्षित मिश्रा- माउंट आबू। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से माउंट आबू के जोनल मास्टर प्लान को लागू करने पर लगाई गयी रोके को हटा लिया गया है। एनजीटी की दिल्ली स्थित मुख्य बेंच ने मंगलवार को डॉ के के शर्मा की याचिका पर जोनल मास्टर प्लान को लागू करने पर लगाई रोक को हटाते हुए इस रोक को 10 संपत्तियों पर सीमित कर दिया है। माउंट आबू की इन दस संपत्तियों को छोड़कर शेष इलाकों में अब जोनल मास्टर प्लान लागू हो पायेगा। लेकिन इस निर्णय के बाद भी अभी एनजीटी की भोपाल बेंच में चल रहे भारत जैन की याचिका के कारण माउंट आबू में निर्माण गतिविधियां नहीं हो पायेगी।
याचिकाकर्ता डॉ ए के शर्मा ने सबगुरु न्यूज को बताया माउंट आबू के जोनल मास्टर प्लान में कई गड़बड़ियां थी। इसमे जंगल की कई जमीनों को भी निर्माण क्षेत्र में रख दिया था। ऐसे क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को रोकने के लिए इन इलाकों। को जोनल मास्टर प्लान से बाहर करने की अपील एनजीटी से की थी। एनजीटी ने पूरे माउंट आबू में ही इस जोनल मास्टर प्लान को लागू करने पर रोक लगा दी। इससे माउंट आबू में निर्माण गतिविधियां पूरी तरह से बाधित हो गयी। शर्मा ने बताया कि उन्होंने एनजीटी द्वारा लगाई गई ईस रोक को विवादित 10 संपत्तियों पर रखते हुए शेष माउंट आबू में इस जोनल मास्टर प्लान को लागू करने का अनुरोध किया था।
इस पर मंगलवार को एनजीटी ने माउंट आबू के जोनल मास्टर प्लान को विवादित 10 संपत्तियों पर रखते हुए शेष माउंट आबू में इसे लागू करने की अनुमति दे दी है। लेकिन, एनजीटी की भोपाल बेंच में भरत जैन द्वारा लगायी गई याचिका के कारण एनजीटी भोपाल ने माउंट आबू में नए निर्माण गतिविधियों पर पाबंदी लगा रखी है। इस पाबन्दी के हटने तक यहाँ नए निर्माण नही हो सकेंगे, लेकिन नियमानुसार मरम्मत, रेनिवेशन आदि की अनुमति मिल सकेगी। इसमें भी एक समस्या ये है कि स्थानीय प्रशासन।माइनर रिपेयर को अब तक।परिभाषित नही कर पाया है। ऐसे में एनजीटी भोपाल के माइनर रिपेयर की परिभाषा को स्पष्ट होने तक यहां पर निर्माण की समस्या यथावत रहेगी।
-इन इलाकों में नहीं लागू होगा मास्टर प्लान
एनजीटी की दिल्ली स्थित मुख्य बेंच ने अभी भी माउंट आबू की 10 संपत्तियों पर जोनल मास्टर प्लान लागू नही किया है। इसमे सलीम अली बर्ड सेंचुरी के अंदर का क्षेत्र, अरण्य विलेज के आगे के क्षेत्र में, मगंजिस के पीछे की पहाड़ियों के क्षेत्र में, हिल साहिल, सनसेट रोड कॉलोनी, सनराइज हाउसिंग सोसाइटी, आरना विलेज, मोहनपुरा, हेटम जी, एसटीपी प्लांट के आगे की जमीनों पर जोनल मास्टर प्लान लागू करने पर रोक लगाई है। शेष माउंट आबू में जोनल मास्टर प्लान विधिवत लागू हो सकेगा।
-अब आगे क्या
जोनल मास्टर प्लान लागू होने से अब माउंट आबू में निर्माण, मरम्मत, रेनोवेशन की अनुमति के समस्त अधिकार मोनिटरिंग कमेटी से नगर पालिका के पास आ जाएंगे। इससे मॉनिटरिंग कमिटी की भूमिका सलाहकार समिति की हो जाएगी।
इनका कहना है…
आबू में जोनल मास्टर प्लान से स्टे हटाने की सूचना आयी है, लेकिन पूरी जानकारी आर्डर की कॉपी आने पर ही पता चल सकती है। भोपाल एनजीटी के आदेशों के प्रकाश में इस आदेश का इम्प्लीमेंट कैसे किया जा सकेगा ये आदेश की प्रतिलिपि आने पर ही तय किया जा सकेगा।
संदेश नायक
जिला कलेक्टर एवं सचिव मॉनिटरिंग कमेटी।
डॉ ए के शर्मा के प्रयास से एनजीटी ने माउंट आबू के विवादित भूमि को छोड़कर शेष इलाके में जोनल मास्टर प्लान को लागू कर दिया है। अब सभापति के माध्यम से नगर परिषद की बैठक में सबसे पहले बायलॉज बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी।
सुनील आचार्य
अध्यक्ष, भवन निर्माण एवं मरम्मत समिति, माउंट आबू।
एनजीटी भोपाल द्वारा माउंट आबू में नए निर्माण की अनुमति देना इस बात पर निर्भर करता है कि प्रशासन कब तक माउंट आबू में हुए अवैध निर्माण पर अंकुश लगा पाता है।
भरत जैन
याचिकाकर्ता, एनजीटी, भोपाल।