नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से प्रेरित हरकत उल हर्ब ए इस्लाम के उत्तर प्रदेश के 11 और दिल्ली के छह ठिकानों पर छापे मारकर 10 लोगों को गिरफ्तार करके उनके पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है।
एनआईए की विज्ञप्ति के मुताबिक दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस तथा उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते की सक्रिय मदद से दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर समेत छह स्थानों तथा उत्तर प्रदेश के अमरोहा, लखनऊ, मेरठ और हापुड़ के 11 स्थानों पर छापे मारे गए।
इस पूरे मॉड्यूल के मास्टरमाइंड मुफ्ती मोहम्मद सुहैल को गिरफ्तार कर लिया गया है। एनआईए के अनुसार इस संगठन से जुड़े लोग महत्वपूर्ण संस्थानों और संवेदनशील स्थानों पर आतंकवादी हमलों की योजना बना रहे थे।
छापेमारी के दौरान 25 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, 12 पिस्तौल, एक देसी रॉकेट लॉन्चर, 150 कारतूस, 112 अलार्म घड़ियां, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरी, बिजली के तार, 91 मोबाइल फोन, 134 सिम कार्ड, तीन लैपटॉप और करीब साढ़े सात लाख रुपए जब्त किए गए हैं। छापे के दौरान आईएसआईएस से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
एनआईए के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोग आत्मघाती हमलों की योजना बना रहे थे। इसका मास्टरमाइंड मुफ्ती मोहम्मद सुहैल अमरोहा निवासी है लेकिन वह फिलहाल दिल्ली के जाफराबाद में रह रहा था और अपनी टीम के लोगों को हथियार, विस्फोटक और दूसरी चीजें खरीदने के लिए प्रेरित कर रहा था।
छापे के दौरान अनस युनुस, राशिद जाफर रक, सईद, रईस अहमद, जुबैर मलिक, जैद मलिक, साकिब इफ्तेकार, मोहम्मद इरशाद और मोहम्मद आजम को गिरफ्तार किया गया। इनमें से दो भाई सईद और रईस ने आईईडी और पाइप बम बनाने के लिए 25 किलोग्राम विस्फोटक खरीदा था और रॉकेट लांचर बनाने में इनकी मुख्य भूमिका थी।
गिरफ्तार किए लोगों में से एक 20 वर्षीय जुबैर मलिक दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक का तृतीय वर्ष का छात्र है जबकि 24 वर्षीय अनस युनुस नोएडा के एक विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग कर रहा था।
एनआईए ने इनके अलावा कुठ अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार संदिग्धों को गुरुवार को एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।